ईटीवी भारत से बातचीत में राकेश टिकैत ने कहा कि अभी दिल्ली कूच का प्लान नहीं है. अगर 26 जनवरी तक समस्या का हल नहीं निकलता, तो हम अपने ट्रैक्टर परेड में शामिल करेंगे. टक्कर आर-पार की होगी.
किसानों की चेतावनी- नहीं झुकी सरकार, तो 26 जनवरी की परेड में जाएंगे ट्रैक्टर - farmers protest delhi border
19:23 December 04
26 जनवरी की परेड में ट्रैक्टर करेंगे शामिलः राकेश टिकैत
17:22 December 04
हरविंदर सिंह लखोवाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस
भारतीय किसान यूनियन के नेता हरविंदर सिंह लखोवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि पंजाब के सभी किसानों की आज सुबह 10 से 1 बजे तक बैठक हुई. उसके बाद देश के किसान यूनियन के साथ हम बैठक खत्म करके आ रहे हैं.
बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया. कल सरकार के साथ बैठक में हमने सरकार से कानून वापस लेने की मांग की.
सरकार ने कहा कि हमारे कानून बहुत अच्छे हैं.
हम सरकार से कहकर आए हैं, कि हम कानून को वापस करवा कर ही मानेंगे.
17:10 December 04
जारी रहेगा प्रदर्शनः राकेश टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने अपने संबोधन में कहा है कि हमारा यह प्रदर्शन जारी रहेगा. उन्होंने आगे कहा कि अगर सरकार हमारी मांगे पूरी नहीं करती है, तो हम विरोध जारी रखेंगे. देखते हैं शनिवार की बैठक में क्या होता है.
16:40 December 04
सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर
कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर दिल्ली सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटाने के लिए एक जनहित याचिका (PIL) सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है.
यह जनहित याचिका लॉ के एक छात्र ऋषभ शर्मा द्वारा दायर की गई है, जिनका तर्क है कि दिल्ली पुलिस द्वारा किसानों को दिल्ली के निरंकारी मैदान, बुराड़ी में शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन करने की अनुमति देने के बावजूद, किसानों ने सभी इमरजेंसी/मेडिकल सेवाओं को भी अवरुद्ध कर दिया है. जबकि, वायरस और इसके उपचार के लिए इन सभी मेडिकल आवश्यकताओं की आपूर्ति बहुत जरूरी है.
15:42 December 04
भारतीय किसान संघ ने कृषि कानूनों में संशोधन का सुझाव दिया
भारतीय किसान संघ ने कहा कि सरकार भले ही कृषि कानूनों को वापस न ले लेकिन सरकार को उनमें संशोधन करना होगा. किसान संघ ने कहा कि सरकार पहले संशोधन एमएसपी को लेकर करे, जिसके अंतर्गत एमएसपी के नीचे कोई खरीदारी नहीं होगी.
14:24 December 04
किसान आंदोलन
नई दिल्ली :एनएच 9/ 24 के एक हिस्से पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने थोड़े समय के लिए पूरे एनएच को जाम कर दिया. जिसके बाद एनएच पर वाहनों की लंबी कतार लग गई. पूरे एनएच को ब्लॉक कर प्रदर्शन कर रहे किसानों को पुलिस अधिकारियों ने समझा-बुझाकर एक हिस्से में वापस भेजा, जहां उनका प्रदर्शन जारी है.
जारी है किसानों का प्रदर्शन
गाजीपुर बॉर्डर पर अपनी मांगों को लेकर किसानों का प्रदर्शन सातवें दिन भी जारी है. गुरुवार से किसानों का एक गुट एनएच पर बैठकर प्रदर्शन कर रहा है. जिसके कारण गाजियाबाद और नोएडा से आने वाले वाहन चालकों को काफी परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है. वहीं शुक्रवार की सुबह थोड़ी देर के लिए किसानों ने पूरी तरह से एनएच को ब्लॉक कर दिया. जिसके बाद सड़कों पर वाहनों की लंबी कतार लग गई.
आज रात से बंद होगा एंबुलेंस का रास्ता
प्रदर्शनकारी किसान यह पहले ही साफ कर चुके हैं कि शुक्रवार की रात 12 बजे तक अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानी तो एंबुलेंस का भी रास्ता रोक दिया जाएगा. अभी के समय में किसानों द्वारा एंबुलेंस के लिए रास्ता खोला गया है. लेकिन उनका साफ कहना है कि अगर शुक्रवार की रात 12 बजे तक उनकी मांगों को नहीं माना जाता है, तो उसके बाद एंबुलेंस का भी रास्ता रोक दिया जाएगा.
14:04 December 04
फरीदाबाद-पलवल का सीकरी बॉर्डर सील, किसानों को रोकने के लिए पुलिस तैनात
फरीदाबाद :कृषि बिलों को लेकर किसानों और सरकार के बीच गतिरोध जारी है. आंदोलन कर रहे किसानों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. आज पलवल और मध्यप्रदेश के किसान पलवल से फरीदाबाद का रुख करने वाले हैं. जिन्हें रोकने के लिए पुलिस ने पूरी तैयारी करते हुए सीकरी बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर दिया है.
इसके अलावा फरीदाबाद-दिल्ली के बदरपुर बॉर्डर को भी पुलिस की ओर से सील किया गया है. बता दें कि बीते रोज ये किसान पलवल से निकले थे जो बीच में पृथला गांव में रुके थे. जिसके बाद आज ये किसान फरीदाबाद का कूच करने वाले हैं.
बताया जा रहा है कि कल से ज्यादा संख्या में किसान आज फरीदाबाद कूच कर सकते हैं. जिसके बाद पुलिस ने अपनी तरफ से सभी इंतजाम कर लिए हैं. सीकरी बॉर्डर पर बैरिकेटिंग की गई है. साथ ही बॉर्डर पर भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया है.
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गौरतलब है कि अगर किसान यहां से आगे बढ़ जाते हैं तो फिर उन्हें आगे बदरपुर बॉर्डर पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता और अगर किसानों ने बदरपुर बॉर्डर सील कर दिया तो वहां से होकर गुजरने वाले हजारों लोगों को जाम का सामना करना पड़ सकता है.
07:24 December 04
किसान प्रदर्शन लाइव अपडेट-
नई दिल्ली : बॉर्डर पर किसान आंदोलन का 9वां दिन है. जानकारी के अनुसार सरकार के साथ अगले दौर की बातचीत के लिए सभी किसान संगठन आज दोपहर 12 बजे बैठक करेंगे.
बता दें कि कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के नेतृत्व में तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ आंदोलनकारी किसानों के प्रतिनिधिमंडल की बृहस्पतिवार को हुई बैठक भी बेनतीजा रही. तोमर ने कहा कि शुक्रवार को सरकार इन सभी मुद्दों पर विचार करेगी और शनिवार को वार्ता के लिए फिर आने से पहले किसान यूनियन भी इन पर विचार करेगी.
नहीं निकला कोई भी नतीजा
लगभग आठ घंटे चली इस बैठक में किसान नेता नए कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग पर अड़े रहे.
किसान नेताओं के बातचीत के बीच में सरकार की तरफ से की गई दोपहर क भोजन, चाय और पानी की पेशकश को भी ठुकरा दिया.
किसान नेताओं की चेतावनी
किसान नेताओं में से कुछ ने चेतावनी दी कि बृहस्पतिवार की बैठक में कोई समाधान नहीं निकला तो आगे की बैठकों का बहिष्कार किया जायेगा.
सरकार ने बातचीत के लिये पहुंचे विभिन्न किसान संगठनों के 40 किसान नेताओं के समूह को आश्वासन दिया कि उनकी सभी वैध चिंताओं पर गौर किया जाएगा और उनपर खुले दिमाग से विचार किया जायेगा.
लेकिन दूसरे पक्ष ने कानूनों में कई खामियों और विसंगतियों को गिनाते हुये कहा कि इन कानूनों को सितंबर में जल्दबाजी में पारित किया गया.
कृषिमंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर विज्ञान भवन में किसान नेताओं के साथ चौथे दौर कर वार्ता में सरकार के पक्ष की अगुवाई कर रह थे.
शनिवार को होगी अगली वार्ता
उन्होंने कहा कि अगले दौर की वार्ता शनिवार को दोपहर दो बजे से होगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि यह बैठक इन मुद्दों के समाधान की ओर ले जायेगी.
उन्होंने यह भी कहा कि किसी तरह का कोई अहंकार नहीं है और सरकार तीन नये कृषि कानूनों के बारे में किसानों की आशंकाओं के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर खुले दिमाग से वार्ता करने और विचार करने को सहमत है.
इनमें एपीएमसी (कृषि उपज विपणन समिति) को मजबूत करने सहित मंडी प्रणाली, प्रस्तावित निजी मंडियों के साथ कर समरूपता और किसी विवाद की स्थिति में विवाद निपटान के लिए किसानों को उच्च न्यायालयों में जा सकने की स्वतंत्रता जैसे पहलु शामिल हैं.
मैं कोई भविष्यवक्ता नहीं हूं : तोमर
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार तीन विवादास्पद कानूनों में संशोधन करने के लिए तैयार है, तोमर ने कहा, मैं कोई भविष्यवक्ता नहीं हूं. जब हम एक दिन बाद मिलेंगे, तो हम किसी समाधान की ओर बढ़ने की उम्मीद करते हैं. तोमर ने कहा कि सरकार फसल अवशेषों को जलाये जाने और बिजली से संबंधित कानून पर अध्यादेश से संबंधित किसानों की चिंताओं पर भी गौर करने के लिए तैयार है.
सरकार प्रतिबद्ध है
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर खरीद प्रक्रिया को जारी रखने, सुधारने और विस्तार देने के लिए प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा, किसी के मन में कोई संदेह नहीं रहना चाहिए. फिर भी, अगर किसानों को उस मोर्चे पर कोई चिंता है, तो हम उन्हें आश्वस्त करना चाहेंगे कि नए कानून से एमएसपी प्रणाली के लिए कोई खतरा नहीं हैं. मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि यदि कोई आशंका हो तो सरकार यह स्पष्ट करने के लिए तैयार है कि किसानों को कॉर्पोरेट्स के हाथों अपनी जमीन खोने का कोई खतरा नहीं है.
एक सरकारी सूत्र ने कहा कि बैठक शनिवार को फिर से शुरू होगी क्योंकि समय की कमी के कारण कोई अंतिम नतीजा नहीं निकल सका.
गतिरोध बरकरार है
नारेबाजी करते हुए सभा स्थल से बाहर आए किसान नेताओं ने कहा कि वार्ता में गतिरोध बना हुआ है. इन किसान नेताओं में से कुछ ने धमकी दी कि बृहस्पतिवार की बैठक में कोई समाधान नहीं निकला तो आगे की बैठकों का बहिष्कार किया जायेगा.
एआईकेएससीसी (अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति) के कार्यकारी सदस्य तथा महाराष्ट्र और गुजरात के किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाले लोक संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष प्रतिभा शिंदे ने कहा, ‘‘हमारी ओर से वार्ता खत्म हो गयी है. हमारे नेताओं ने कहा है कि अगर सरकार द्वारा आज कोई समाधान नहीं दिया जाता है तो वे आगे की बैठकों में भाग नहीं लेंगे.’’ एक अन्य किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने कहा कि सरकार ने एमएसपी और खरीद प्रणाली सहित कई प्रस्ताव रखे हैं, जिन पर शनिवार को सरकार के साथ अगली बैठक से पहले किसान संगठनों के साथ चर्चा होगी.
एआईकेएससीसी के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि यूनियनों की मुख्य मांग उक्त तीन कानूनों को निरस्त करने की है और सरकार ने किसान नेताओं द्वारा बताई गई 8-10 विशिष्ट कमियों को भी सुना है.
आज किसानों की बैठक
उन्होंने कहा, हम कोई संशोधन नहीं चाहते हैं. हम चाहते हैं कि इन कानूनों को निरस्त किया जाए. मोल्लाह ने कहा कि सरकार के साथ अगले दौर की बातचीत के लिए सभी किसान संगठन शुक्रवार को सुबह 11 बजे बैठक करेंगे. हालांकि अब यह बैठक 12 बजे होगी.
पिछले दौर की वार्ता एक दिसंबर को हुई थी, लेकिन तीन घंटे की चर्चा के बाद भी गतिरोध बना रहा क्योंकि किसान नेताओं ने उनके मुद्दों पर गौर करने के लिए एक नई समिति गठित करने के सरकार के सुझाव को खारिज कर दिया था.