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किसानों के साथ बातचीत 15 जनवरी को, वार्ता से निकलेगा हल : कृषि मंत्री तोमर

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Published : Jan 11, 2021, 7:41 AM IST

Updated : Jan 11, 2021, 10:56 PM IST

कृषि मंत्री तोमर
कृषि मंत्री तोमर

22:47 January 11

15 जनवरी को अगली वार्ता, मामले का हल निकालेंगे- कृषि मंत्री तोमर

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि कानूनों का मामला सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष है. मुझे इस पर टिप्पणी करना आवश्यक नहीं लगता. किसानों के साथ बातचीत का अगला दौर 15 जनवरी को है, मुझे उम्मीद है कि हम इसका हल निकालेंगे. 

22:35 January 11

सरकार को बिना देर किए किसानों की बात मान लेनी चाहिए - मनजिंदर सिंह सिरसा

केंद्र सरकार किसानों के साथ ज्यादती कर रही

सोमवार को मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक वीडियो जारी कर कहा, आज सुप्रीम कोर्ट ने भी ये माना कि केंद्र सरकार किसानों के साथ ज्यादती कर रही है. इस कानून को रोका जाना चाहिए था. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि क्यों केंद्र सरकार ने इस कानून को रोकने के लिए अभी तक सहमति नहीं दी. सुप्रीम कोर्ट ने भी यह बात मानी है कि किसान जो आंदोलन कर रहे हैं वह जस्टिफाइड है. 

बिना देर किए किसानों की बात मान लेनी चाहिए
सिरसा ने कहा कि जो लोग इसे पाकिस्तान और चीन का आंदोलन बताते थे, उन्हें यह बात समझनी चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट ने भी अब इसे सही बताया है. अब सरकार को बिना देर किए किसानों की बात मान लेनी चाहिए और कानूनों पर रोक लगा देनी चाहिए.

गौरतलब है कि अकाली दल किसानों के समर्थन में तीनों कृषि कानूनों को लेकर शुरुआत से ही आवाज उठा रहा है. दिल्ली में मनजिंदर सिंह सिरसा किसानों को अपना पूरा समर्थन दे रहे हैं. साथ ही यह मांग कर रहे हैं कि केंद्र सरकार को किसानों की मांग मान लेनी चाहिए.

17:03 January 11

800 किसानों पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज

जानकारी देते एसएचओ मोहन लाल.

रविवार को सीएम मनोहर लाल खट्टर की आयोजित 'किसान महापंचायत' स्थल पर किसानों की एक भीड़ ने जमकर उत्पात मचाया. पूरे स्टेज को तोड़ दिया गया. इस वजह से कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया. इस मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 800 किसानों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिनमें से 71 किसानों नामजद और 729 बिना नाम किसानों के खिलाफ एफआईआर है.

इसी घटना के बारे में घरौंडा के एसएचओ मोहन लाल ने विस्तार से जानकारी दी. एसएचओ मोहन लाल ने कहा कि सीएम के 'किसान महापंचायत' में लोगों ने साजिश के तहत कार्यक्रम को खराब किया और वहां पर उत्पात मचाया है. इस मामले पर लगभग 800 किसानों के ऊपर पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. इनमें मुख्य रूप से किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी का नाम है.

कुछ लोगों का कहना है कि कुछ गांव वालों ने भी किसानों के ऊपर हमला किया था, लेकिन पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए सिर्फ किसानों के ऊपर ही मामला दर्ज किया है. इसमें एक टीम गठित की गई है जो, इस सारे मामले को देख रही है. वहीं जल्द से जल्द इन किसानों को राउंडअप करने के लिए पुलिस को आदेश दिए गए हैं.

17:00 January 11

सरकार खुद बताए कि हम कौन हैं : राकेश टिकैत

मीडिया से बात करते राकेश टिकैत.

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत सोमवार को रामपुर पहुंचे. टिकैत कुछ दिन पहले गाजीपुर बॉर्डर पर आत्महत्या करने वाले किसान के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना देंगे. टिकैत ने तिरंगा यात्रा को लेकर भी किसानों से समर्थन मांगा है. 

राकेश टिकैत ने रामपुर में किसानों से बातचीत की. उन्होंने किसानों को तिरंगा यात्रा को लेकर तैयार रहने का आग्रह किया और कहा, हर किसान के हाथ में तिरंगा दिखना चाहिए. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि तभी तो सर्टिफिकेट मिलेगा कि कौन यहां (भारत) का है और कौन अफगानिस्तान का है.

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर हमें किसान नहीं मानते हैं तो यह बताएं कि हम कौन हैं. हम व्यापारी हैं तो हमारी दुकानें कहां है. अगर हम उपभोक्ता हैं तो हमें सामान महंगा क्यूं मिलता है.

14:53 January 11

सुप्रीम कोर्ट का राकेश टिकैत ने किया धन्यवाद, कहा कोर्ट ने किसानों का लिया संज्ञान

तीन कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का भारतीय किसान यूनियन ने स्वागत किया है. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के इस मामले का संज्ञान लिया, हम उनका धन्यवाद करते हैं.

इससे पहले किसान आंदोलन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि अगर सरकार ने रोक नहीं लगाई तो, अदालत कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगा देगी. प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि अगर केंद्र ऐसा नहीं करता है तो, हम इसके अमल पर रोक लगा देंगे.

टिकैत ने कहा कि हमारा आंदोलन बस इन कानूनों की वापसी का है. हमारी एक लीगल टीम बनी हुई है. उनसे विचार विमर्श कर आगे का कदम उठाएंगे.

हालांकि सरकार के साथ आठ दौर की वार्ता बेनतीजा रहने के बाद अब किसान संगठनों के साथ अगली वार्ता 15 जनवरी को होने जा रही है. किसान संगठनों ने इससे पहले 13 जनवरी को लोहड़ी और 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए आंदोलन तेज करने की रणनीति बनाई है.

किसान यूनियनों के नेता केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं.

उनकी अन्य दो मांगों को सरकार ने पहले ही स्वीकार कर लिया है जो, पराली दहन से संबंधित अध्यादेश में भारी जुर्माना और जेल की सजा के प्रावधान और सिंचाई के लिए बिजली अनुदान से संबंधित हैं.

14:47 January 11

अभय चौटाला ने कृषि कानूनों को लेकर विधानसभा स्पीकर को पत्र लिखा

अभय चौटाला ने कृषि कानूनों को लेकर विधानसभा स्पीकर को पत्र लिखा

हरियाणा में इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) के नेता अभय चौटाला ने कृषि कानूनों को लेकर विधानसभा स्पीकर को पत्र लिखा. उन्होंने इस चिठ्ठी में लिखा है कि यदी सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस नहीं लिए. तो इसे मेरा त्यागपत्र समझें.

अभय चौटाला ने हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष को चिठ्ठी लिखी है. इस चिठ्ठी में उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इन कानूनों को असंवैधानिक तरीके से पारित की है. इसलिए इसे रद्द करना चाहिए. उन्होंने चिठ्ठी के हवाले से लिखा है कि अगर केंद्र सरकार ने 26 जनवरी तक इन कानूनों को वापस नहीं लेती. तो इस चिठ्ठी को त्यागपत्र समझा जाए.

10:32 January 11

लोहड़ी पर्व की तैयारियों में जुटे किसान

सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान बॉर्डर पर लोहड़ी पर्व की तैयारियां कर रहे हैं.

10:32 January 11

किसानों का विरोध प्रदर्शन 47वें दिन भी जारी

सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 47वें दिन भी जारी है. किसान मजदूर संघर्ष समिति के प्रेस सचिव ने बताया, अब सरकार ने दूसरी रणनीति शुरू कर दी है. वे फर्जी किसान संगठन लेकर आ रहे हैं. हमको चुनौती देने के लिए छोटे मोटे संगठन खड़े कर रहे हैं.

10:27 January 11

श्री मुक्तसर साहिब के 61 वर्षीय किसान की मौत

किसान जगदीश सिंह की दिल का दौरा पड़ने के बाद मौत

दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के बीच एक और बुरी खबर सामने आई है. श्री मुक्तसर साहिब के गांव लुंडेवाला के किसान जगदीश सिंह की टिकरी सरहद पर मौत हो गई हैं. उन्हें कथित तौर पर दिल का दौरा पड़ा था. किसान जगदीश सिंह 61 वर्ष के थे.

08:18 January 11

करनाल बवाल : 71 लोगों पर FIR दर्ज

करनाल बवाल पर पुलिस की कार्रवाई

करनाल के कैमला गांव में बीते रविवार को आयोजित किसान महापंचायत में उत्पात मचाने, तोड़फोड़ आदि करने के मामले में पुलिस ने भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी 71 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.

सरकारी कर्मचारियों के साथ मारपीट
पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया ने बताया कि कैमला में बीते रविवार को किसान महापंचायत का कार्यक्रम ठीक ठाक चल रहा था. कार्यक्रम के अंत में कुछ लोग लाठी डंडे लेकर पंडाल में आ गए. उन्होंने तोड़फोड़ करनी शुरू कर दी और सरकारी कर्मचारियों के साथ मारपीट की.  सरकारी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया, जिसके लिए पुलिस ने भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी सहित 71 लोगों को नामजद करते हुए कुछ अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ साजिश रचने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, लोगों को उकसाने, सरकारी कर्मचारियों के साथ मारपीट करने व धमकाने आदि धाराओं में एफआईआर दर्ज की है.

क्या हुआ था गांव कैमला में?
बीते रविवार को करनाल के गांव कैमला में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर किसान महापंचायत नाम के कार्यक्रम के जरिए लोगों को केंद्र के तीन कृषि कानूनों के फायदे बताने वाले थे, लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों ने ‘किसान महापंचायत’ के कार्यक्रम स्थल पर तोड़फोड़ की. हरियाणा पुलिस ने करनाल जिले के कैमला गांव की ओर किसानों के मार्च को रोकने लिए बीते रविवार को पानी की बौछारें कीं और आंसू गैस के गोले दागे, लेकिन प्रदर्शनकारी कार्यक्रम स्थल तक पहुंच गए और 'किसान महापंचायत' कार्यक्रम को बाधित किया. उन्होंने मंच पर तोड़फोड़ की, कुर्सियां, मेज और गमले तोड़ दिए. किसानों ने अस्थायी हेलीपेड भी खोद डाला.

08:09 January 11

करनाल में किसानों के प्रदर्शन पर बोले भूपेंद्र हुड्डा- सरकार को टकराव से बचना चाहिए

नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने करनाल में किसान महापंचायत के दौरान हुए बवाल पर कहा है कि सरकार को टकराव की स्थिति से बचना चाहिए. भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि किसान की लागत बढ़ रही है और आमदनी घट रही है. जिससे स्थिति बहुत गंभीर बनी है. उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ वार्ताओं का दौर चल रहा है. 15 जनवरी को फिर से बैठक होनी है. ऐसे में सरकार को टकराव से बचना चाहिए.

करनाल में प्रदर्शन के दौरान किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए, इसके साथ ही उनके ऊपर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया. इसपर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार को कोई ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए.

07:59 January 11

वो हम पर लाठी चलाएंगे और हम राष्ट्रगान गाएंगे : टिकैत

भारतीय किसान यूनियन के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता राकेश टिकैत

कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग को लेकर केंद्र और किसानों में गतिरोध के बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता राकेश टिकैत ने बीते रविवार कहा, 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परेड में एक तरफ टैंक चलेंगे तो दूसरी तरफ हमारे तिरंगा लगे हुए ट्रैक्टर.

टिकैत ने कहा, 26 जनवरी को दिल्‍ली में गणतंत्र दिवस की परेड में एक तरफ टैंक चलेंगे और दूसरी तरफ हमारे तिरंगा लगे हुए ट्रैक्‍टर. वो हम पर लाठी चलाएंगे और हम राष्‍ट्रगान गाएंगे.

बागपत के बड़ौत में किसानों के धरने में पहुंचे राकेश टिकैत ने दावा किया कि जब तक तीन कृषि कानूनों की वापसी नहीं होती तब तक किसानों की घर वापसी नहीं होगी.

उन्‍होंने बताया कि एक तरफ दिल्‍ली में किसान आंदोलन चल रहा है और दूसरी तरफ 26 जनवरी की परेड में शामिल होने के लिए किसान बड़ी तैयारी में जुटे हैं.

टिकैत ने कहा कि राजनीति और चुनाव से नहीं बल्कि किसानों के आंदोलन से सब कुछ ठीक होगा.

07:30 January 11

अब आगे क्या करेंगे किसान ?

आगे की रणनीति
  • 13 जनवरी: लोहड़ी को देशभर में ‘किसान संकल्प दिवस’ के रूप में मनाएंगे. तीनों कानूनों की प्रतियां जलाई जाएंगी.
  • 18 जनवरी:'महिला किसान दिवस' मनाएंगे. हर गांव से 10-10 महिलाओं को दिल्ली बॉर्डर पर लाएंगे.
  • 23 जनवरी: सुभाषचंद्र बोस की याद में 'आजाद हिंद किसान दिवस' मनाकर राज्यों में राज्यपाल के निवास का घेराव करेंगे.
  • 26 जनवरी:राजपथ पर ट्रैक्टर परेड निकालेंगे. दावा है कि इसमें एक लाख ट्रैक्टर होंगे. महिलाएं इसकी अगुवाई करेंगीं.

07:23 January 11

पिछली 9 में से सिर्फ एक बैठक का नतीजा निकला

बैठकों का दौर

पहला दौर : 14 अक्टूबर

क्या हुआ : मीटिंग में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की जगह कृषि सचिव आये. किसान संगठनों ने मीटिंग का बायकॉट कर दिया. वे कृषि मंत्री से ही बात करना चाहते थे.

दूसरा दौर : 13 नवंबर

क्या हुआ : कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने किसान संगठनों के साथ मीटिंग की. सात घंटे तक बातचीत चली, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला.

तीसरा दौर : 1 दिसंबर

क्या हुआ : तीन घंटे बात हुई. सरकार ने एक्सपर्ट कमेटी बनाने का सुझाव दिया, लेकिन किसान संगठन तीनों कानून रद्द करने की मांग पर ही अड़े रहे.

चौथा दौर : 3 दिसंबर

क्या हुआ : साढ़े सात घंटे तक बातचीत चली. सरकार ने वादा किया कि MSP से कोई छेड़छाड़ नहीं होगी. किसानों का कहना था सरकार MSP पर गारंटी देने के साथ-साथ तीनों कानून भी रद्द करे.

पांचवां दौर : 5 दिसंबर

क्या हुआ : सरकार MSP पर लिखित गारंटी देने को तैयार हुई, लेकिन किसानों ने साफ कहा कि कानून रद्द करने पर सरकार हां या न में जवाब दे.

छठवां दौर : 8 दिसंबर

क्या हुआ :भारत बंद के दिन ही गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक की. अगले दिन सरकार ने 22 पेज का प्रस्ताव दिया, लेकिन किसान संगठनों ने इसे ठुकरा दिया.

सातवां दौर : 30 दिसंबर

क्या हुआ : नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल ने किसान संगठनों के 40 प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. दो मुद्दों पर मतभेद कायम, लेकिन दो पर रजामंदी बनी.

आठवां दौर : 4 जनवरी

क्या हुआ : चार घंटे चली बैठक में किसान कानून वापसी की मांग पर अड़े रहे. मीटिंग खत्म होने के बाद कृषि मंत्री ने कहा कि ताली दोनों हाथों से बजती है.

नौवां दौर : 8 जनवरी

क्या हुआ : कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी माना कि 50 प्रतिशत मुद्दों पर मामला अटका हुआ है. किसानों ने बैठक में तल्ख रुख अपनाया. किसान नेताओं ने पोस्टर भी लगाए, जिन पर गुरुमुखी में लिखा था- मरेंगे या जीतेंगे.

06:33 January 11

किसान विरोध लाइव अपडेट

नई दिल्ली : तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 47 दिनों से जारी आंदोलन को समाप्त करने के लिए सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच आठवें दौर की वार्ता शुक्रवार को हुई, लेकिन नतीजा सिफर रहा. अब अगली बैठक 15 जनवरी को होगी. संकेत साफ है कि 11 जनवरी को किसानों के आंदोलन को लेकर उच्चतम न्यायालय में कई याचिकाओं पर एक साथ निर्धारित सुनवाई के बाद ही वार्ता का अगला रुख स्पष्ट होगा.

इस बीच किसानों के संगठनों ने अगली रणनीति के लिए 11 जनवरी को बैठक बुलाई है. हालांकि, कई किसान नेताओं ने कहा कि उन्हें अगली बैठक में भी कोई नतीजा निकलने की उम्मीद नहीं है. दिल्ली की सीमा पर किसानों का विरोध प्रदर्शन अब भी जारी है. केंद्र और किसान संगठनों के बीच सात जनवरी को हुई आठवें दौर की बाचतीच में भी इसका कोई हल नहीं निकला.  

आत्महत्या जैसा कोई कदम न उठाने की अपील

संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रदर्शनकारी किसानों से आत्महत्या जैसा कोई कदम नहीं उठाने की अपील की है. मोर्चा की तरफ से बीते रविवार को जारी एक बयान में कहा गया कि आत्महत्या किसी समस्या का हल नहीं है, बल्कि यह अपने आप मे एक समस्या है, इसलिए प्रदर्शनकारी किसान स्वयं के जीवन को खत्म करने जैसा कोई फैसला न लें.

आठ दौर की वार्ताएं बेनतीजा

संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले विभिन्न किसान संगठनों के नेताओं की अगुवाई में देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर 2020 से किसानों का आंदोलन चल रहा है. आंदोलनकारी केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं.  केंद्र सरकार के साथ किसान प्रतिनिधियों की आठ दौर की वार्ताएं अब तक बेनतीजा रही हैं और नौंवें दौर की वार्ता के लिए 15 जनवरी की तारीख तय हुई है.

किसान आंदोलन तेज

इस बीच प्रदर्शनकारी किसान आंदोलन तेज कर सरकार पर दबाव बनाने के लिए 13 जनवरी को लोहड़ी और 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर पूर्व घोषित कार्यक्रम को सफल बनाने की कोशिश में जुटे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा, हम देश-दुनिया की जनता से अपील करते है कि 13 जनवरी को लोहड़ी का पर्व तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर मनाया जाए और 14 जनवरी को मकर सक्रांति भी देशभर में पारंपरिक तरीके से मनाया जाएगा, जिसमें किसानों के समर्थन में कार्यक्रम किए जाएंगे.

किसानी संघर्ष को कामयाब करने की शपथ

18 जनवरी को महिला किसान दिवस पर देशभर में तहसील, जिला एवं शहर स्तर पर और दिल्ली बोर्डर्स के मोर्चे पर महिलाएं आंदोलन की अगुवाई करेंगी. यह दिन कृषि में महिलाओं के अहम योगदान के सम्मान के रूप मनाया जाएगा. इसके बाद 20 जनवरी को गुरु गोविंद सिंह की के प्रकाश पर्व पर देश-दुनिया में किसानी संघर्ष को कामयाब करने की शपथ ली जाएगी.

महिला विरोधी और विभाजनकारी प्रयासों की निंदा

बयान में कहा गया कि सयुंक्त किसान मोर्चे के नाम से सोशल मीडिया पर कुछ विवाह निमंत्रण पत्र वायरल हो रहे हैं. किसान संगठन ने कहा, मीडिया के माध्यम से हम यह स्पष्ट कर रहे हैं कि इस तरह के पत्र सयुंक्त किसान मोर्चा द्वारा प्रसारित नहीं है और हम इस तरह के महिला विरोधी और विभाजनकारी प्रयासों की कड़ी निंदा करते हैं.

ओडिशा और मुंबई में जनसभा आयोजित

संयुक्त किसान मोर्चा ने आगे कहा, 'किसानों का देशव्यापी आंदोलन अब ओर भी मजबूत हो रहा है. ओडिशा के 20 से ज्यादा जिलों में किसानों ने छोटी-छोटी बैठकों के माध्यम से किसान आंदोलन को मजबूत करने का फैसला किया है. मुंबई में 16 जनवरी को 'मुम्बई फॉर फार्मर्स' के द्वारा मरीन लाइन्स से आजाद मैदान तक रैली के बाद जनसभा आयोजित की जाएगी.

15 जनवरी से 21 जनवरी का प्लान

बयान के अनुसार, नवनिर्माण किसान संगठन द्वारा भुवनेश्वर से दिल्ली बोर्डर्स तक 15 जनवरी से 21 जनवरी तक किसान 'दिल्ली चलो यात्रा' नाम से जागृति यात्रा निकाली जाएगी.

ट्रैक्टर मार्च निकाल जताया विरोध

संगठन ने बताया कि राजस्थान में बड़े स्तर पर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं और श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ समेत कई उत्तरी जिलों में किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकालकर अपना विरोध जताया.

Last Updated : Jan 11, 2021, 10:56 PM IST

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