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कृषि कानून गतिरोध : आंदोलन के 33वें दिन बोली सरकार-30 दिसंबर को वार्ता, संयुक्त मोर्चा भी सहमत - farmers protest

कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का 33वां दिन
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का 33वां दिन

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Published : Dec 28, 2020, 9:23 AM IST

Updated : Dec 28, 2020, 10:56 PM IST

22:51 December 28

संयुक्त किसान मोर्चा सरकार से वार्ता को तैयार

प्रदर्शनकारी किसान संगठन नये कृषि कानूनों को लेकर 30 दिसंबर को वार्ता के अगले दौर को लेकर सरकार के एक प्रस्ताव पर 'सिद्धांतत:' सहमत हो गए, लेकिन उन्होंने कहा कि केंद्र को अपने निमंत्रण में बैठक के एजेंडे के बारे में बताना चाहिए.

संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि केंद्र द्वारा प्रस्तावित तारीख पर बैठक में भाग लेने के लिए किसान सहमत हो गए हैं. विवादास्पद कानून के खिलाफ 40 संगठनों का यह प्रतिनिधि संगठन है.

कोहाड़ ने कहा, 'सरकार को 26 दिसंबर को भेजे गए अपने पत्र में हमने स्पष्ट रूप से वार्ता के एजेंडे के तौर पर तीन कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी की कानूनी गारंटी का जिक्र किया था, लेकिन इसके बावजूद सरकार ने आज के पत्र में किसी विशिष्ट एजेंडे का जिक्र नहीं किया है.' उन्होंने कहा, 'लेकिन हम सिद्धांत रूप से सरकार के साथ वार्ता करने के लिए सहमत हो गए हैं.'

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने एक बयान में कहा कि प्रदर्शनकारी किसान बैठक में चार विशिष्ट एजेंडों को शामिल करना चाहते हैं जिसमें 'तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने के तौर तरीकों को अपनाना' भी शामिल है.

इसने आरोप लगाया कि सरकार ने 'अस्पष्ट' भाषा का इस्तेमाल किया है, जो दिखाता है कि वह किसानों द्वारा प्रस्तावित पूरे एजेंडे पर चर्चा करना चाहती है.

कोहाड़ ने कहा कि सरकार 30 दिसंबर को वार्ता का प्रस्ताव दे रही है जबकि किसानों ने 29 दिसंबर का सुझाव दिया था. यह दिखाता है कि केंद्र अपना दबदबा बनाकर रखना चाहता है.

(पीटीआई-भाषा)

19:06 December 28

बातचीत के बाद नया रास्ता बनेगा- कृषि मंत्री तोमर

किसान संगठनों पर कृषि मंत्री तोमर.

25 किसान संगठनों के साथ बातचीत के बाद मुझे विश्वास है कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आपके समर्थन, सकारात्मक दृष्टिकोण और समझ के साथ इन कानूनों को लागू किया जाएगा. हम किसानों को समझाने में सफल होंगे. एक नया रास्ता बनेगा और भारत की कृषि समृद्ध होगी. 

16:49 December 28

सरकार और किसानों की बैठक 30 दिसंबर को

सचिव संजय अग्रवाल का पत्र.

किसान कृषि कानून के विरोध में लगभग 1 महीने से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. 8 दिसंबर के बाद किसान और सरकार में बातचीत का सिलसिला थम गया था. बातचीत के सिलसिले को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से आज किसानों को अगली बैठक के लिए न्योता भेजा गया है. 

निमंत्रण के मुताबिक किसानों को 30 दिसंबर को दोपहर 2:00 बजे दिल्ली के विज्ञान भवन में बैठक के लिए बुलाया गया है. इस बैठक से पहले छह बैठकें हो चुकी हैं और छठी बैठक स्वयं गृह मंत्री अमित शाह और किसानों के बीच हुई थी. टिकरी, गाजियाबाद और सिंघु बॉर्डर पर लाखों की संख्या में किसान धरना प्रदर्शन पर बैठे हैं.

15:37 December 28

25 किसान संगठनों के नेताओं ने सौपा समर्थन

किसान संगठनों के नेताओं ने सौपा समर्थन

लगभग 25 किसान संगठनों के नेताओं ने आज केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की. नए कृषि कानूनों के समर्थन में एक पत्र सौंपा केंद्रीय मंत्री को सौंपा है.

15:36 December 28

निरंकारी समागम ग्राउंड का नाम हुआ किसान पुरा

निरंकारी समागम ग्राउंड का नाम हुआ किसान पुरा

बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने ग्राउंड को 'किसान पुरा' नाम देते हुए वहां पर एक बैनर लगाया है. एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि किसान 33 दिनों से अपनी मांगों को लेकर यहां बैठा है और यहां गांव की तरह बस चुका है, आज गांव का नामकरण किया गया.

15:14 December 28

कल की बैठक में सफलता मिलेगी- कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी

कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी  ने कहा कि हम आशावान हैं कि कल की बैठक में सफलता मिलेगी और हम एक समाधान तक पहुंच सकेंगे. अगर वो किसान के चश्मे से देखेंगे तो सफल परिणाम आएगा लेकिन राजनीतिक चश्मे से सफलता शायद न मिल सके. ये कानून किसान को आजादी देने वाले है. 

09:07 December 28

किसान आंदोलन लाइव अपडेट

नई दिल्ली :तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर कड़ाके की ठंड के बीच दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन का आज 33वां दिन है.

प्रदर्शनकारी किसान संगठनों द्वारा अगले दौर की वार्ता की तारीख 29 दिसंबर प्रस्तावित करने के एक दिन बाद केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने उम्मीद जताई कि बैठक में समाधान निकल आएगा.

केंद्र और कृषि संगठनों के बीच पांच दौर की वार्ता के बाद भी गतिरोध नहीं टूटा है. दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त रहे जहां सिंघू, गाजीपुर और टीकरी में सैकड़ों सुरक्षाकर्मी तैनात रहे. इन सीमाओं पर अधिकतर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान नवंबर के अंतिम हफ्ते से ही डेरा डाले हुए हैं.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को दूसरी बार सिंघू बॉर्डर का दौरा किया और केंद्र से कृषि कानूनों को वापस लेने की अपील करते हुए कहा कि किसान जीवित रहने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शनकारियों ने धरना स्थल पर थालियां एवं अन्य बर्तन पीटे.

पंजाब में पिछले 24 घंटे के दौरान 176 से अधिक मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचाया गया है, जबकि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने दूरसंचार ढांचों को नुकसान नहीं पहुंचाने की अपील की है. 

Last Updated : Dec 28, 2020, 10:56 PM IST

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