नई दिल्ली :किसान आंदोलन के मुद्दे पर संसद में चर्चाओं का दौर जारी है. मोदी सरकार लगातार बातचीत से मसले का हल निकालने की बात कह रही है. सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए किसानों के मुद्दे और कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे संगठनों का जिक्र किया.
विपक्ष से अनुरोध करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने आंदोलनरत किसानों को कृषि कानून के पक्ष में मनाने की अपील की. लेकिन साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने आंदोलन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इसमें कुछ आंदोलनजीवी लोगों का प्रवेश हो गया है, जो परजीवी हैं.
प्रधानमंत्री मोदी के इन शब्दों पर किसान नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान को शर्मनाक बताया और कहा कि एक कॉर्पोरेटजीवी सरकार आज किसान आंदोलन और उनके नेताओं के लिये ऐसे शब्द का इस्तेमाल कर रही है. यह निराशाजनक है.
वहीं, सरकार की तरफ से बातचीत के प्रस्ताव पर किसान नेता ने कहा कि जब सरकार कोई नये प्रस्ताव के साथ किसानों के दुख दर्द को समझते हुए बातचीत के लिये तैयार होगी तो वह जरूर बातचीत में शामिल होंगे.