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उत्तराखंड : सबसे ऊंचा धनिया का पौधा उगाकर किसान ने बनाया गिनीज रिकॉर्ड - सबसे ऊंचा धनिया का पौधा

उत्तराखंड में एक किसान ने 2.16 मीटर (सात फीट, एक इंच) ऊंचा धनिया का जैविक पौधा उगाकर अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करा लिया है. पौधे के तने की मोटाई आधे इंच से एक इंच तक बताई जा रही है. पढ़ें खबर विस्तार से...

special coriander plant in uttrakhand
काश्तकार ने उगाया सबसे ऊंचा धनिया

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Published : Jun 4, 2020, 2:21 PM IST

Updated : Jun 4, 2020, 4:18 PM IST

देहरादून : उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में ताड़ीखेत विकासखंड के बिल्लेख गांव के एक प्रगतिशील किसान ने धनिया का पौधा उगाकर अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करा लिया है. गोपाल दत्त उप्रेती जैविक खेती को बढ़ावा देते हैं. इसके तहत उन्होंने अपने बगीचे में 2.16 मीटर ऊंचा धनिया का पौधा उगाया, जो अपने आप में एक विश्व रिकॉर्ड है. वहीं उप्रेती की इस उपलब्धि पर सांसद अजय भट्ट ने ट्वीट कर उन्हें बधाई दी है.

गोपाल दत्त उप्रेती ने बताया कि जिले के मुख्य उद्यान अधिकारी टीन पांडे तथा उत्तराखंड आर्गेनिक बोर्ड मजखाली इंचार्ज डीएस नेगी तथा उद्यान सचल केंद्र बिल्लेख प्रभारी राम सिंह नेगी द्वारा पौधे की ऊंचाई रिकॉर्ड कराई गई है. सभी पौधों की लंबाई पांच फीट से अधिक है.

उन्होंने बताया कि धनिया के पौधे की औसत गोलाई पांच से 10 फीट तक थी. पौधे के तने की मोटाई आधे इंच से एक इंच तक है. उन्होंने कहा कि यह फसल पूर्ण रूप से परंपरागत तरीके से उगाई गई है. पौधे की लंबाई से इसकी सुगंध तथा अन्य बातों में कोई फर्क नहीं पड़ा है.

इतना ही नहीं उप्रेती के बगीचे में आड़ू, खुबानी तथा पुलम जैसे पहाड़ी फलों के अलावा सभी तरह की सब्जियों का जैविक तरीके से उत्पादन किया जा रहा है. यहां खाद के रूप में गोबर और नीम का प्रयोग किया जाता है.

उन्होंने बीते दिनों गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में सर्वाधिक ऊंचे धनिया के पौधे को रिकॉर्ड करने के लिए आवेदन किया था.

ऐसे में अब यह कीर्तिमान गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गया है, जो भारत के किसानों के लिए सम्मान की बात है. उप्रेती ने कहा कि धनिया के पौधे ने यह सिद्ध कर दिया है कि जैविक कृषि के क्षेत्र में प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं.

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साथ ही वह अपनी इस उपलब्धि को प्रदेश व देश में जैविक खेती करने वाले किसानों को समर्पित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज होने से देश के किसानों में जागरूकता और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जो देश की कृषि के लिए बेहतर सिद्ध होगी.

Last Updated : Jun 4, 2020, 4:18 PM IST

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