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मिट्टी में प्लास्टर ऑफ पेरिस मिलाकर 20 साल से मूर्तियां बना रहा है उत्तरप्रदेश के हाथरस का यह परिवार - बीस साल से बना रहा परिवार

गणेश महोत्सव दो सितंबर से शुरू होने वाला है. इसके लिए मूर्ति बनाने वाले गणेश जी की छोटी-बड़ी तरह-तरह की मूर्तियों को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं. यह लोग मिट्टी में प्लास्टर ऑफ पेरिस मिलाकर मूर्तियां बनाते हैं. प्लास्टर ऑफ पेरिस पर पूरी तरह प्रतिबंध लगने के बाद इनके खाने तक के लाले पड़ जाएंगे.

हाथरस के मू्र्तिकार

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Published : Aug 31, 2019, 11:50 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 12:48 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के हाथरस में गणेश भगवान की मूर्ति बनाकर लोगों में सुख, समृद्धि और सम्पन्नता की भावना जगाने वाले लोगों का भविष्य भगवान भरोसे है. यह लोग मेहनत करके दो जून की रोटी जैसे-तैसे कमा पाते हैं. हमेशा जगह बदलने की वजह से इनके बच्चों को भी शिक्षा नहीं मिल पाती है. प्लास्टर ऑफ पेरिस पर पूरी तरह प्रतिबंध लगने के बाद इनके खाने तक के लाले पड़ जाएंगे. इनका कहना है यह लोग मिट्टी में प्लास्टर ऑफ पेरिस मिलाकर मूर्तियां बनाकर ही गुजर बसर करते हैं, जो इनकी रोजी-रोटी का एकमात्र साधन है.

20 साल से कर रहे ये काम-

मूर्ति बनाने वालों के मुखिया मदन लाल ने बताया कि वह 20 साल से यह काम कर रहे हैं. उनके पूर्वज भी इसी काम को किया करते थे. उन्हीं से यह लोग भी सीख गए. उसने बताया कि वह घूमते-घूमते हाथरस आ गए. यहां मूर्तियां बिकने लगी तो ये लोग यहीं रहने लगे. उन्होंने बताया कि इस काम से परिवार का थोड़ा बहुत गुजारा हो जाता है.

गणेश भगवान मूर्ति बनाने वाला परिवार

मूर्ति बेचकर चलता है गुजारा-

मूर्ति बनाने वाले श्रावण ने बताया कि छोटे बच्चों को छोड़कर सभी लोग इस काम को करते हैं. उसने बताया कि मांगने पर भी अभी तक सरकार से कोई भी मदद नहीं मिली है. वह यहां मूर्ति बेचकर पेट भर रहे हैं. इससे किसी तरह परिवार का गुजारा चला रहे हैं.

हाथरस के मू्र्तिकार

बच्चों की नहीं हो पाती पढ़ाई-

इस काम को करने वाली एक महिला रेखा ने बताया कि परिवार के सभी लोग मिल-जुलकर मूर्ति बनाने का काम करते हैं. उसने बताया कि वह गणेश जी की मूर्ति बना कर बेचते हैं. अपने बच्चों को यह लोग पढ़ाना तो चाहते हैं, लेकिन स्थाई न होने की वजह से उनकी पढ़ाई नहीं हो पाती है.

पढ़ें- जानें कैसे 1893 में शुरू हुए गणेशोत्सव ने लोगों को एक धागे में पिरो दिया...

प्रतिबंधित न हो जाए प्लास्टर ऑफ पेरिस-

यह लोग प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां बनाकर अपना और अपने परिवार का गुजारा कर रहे हैं. जिस दिन प्रदेश में प्लास्टर ऑफ पेरिस पूरी तरह से प्रतिबंधित हो जाएगा, उस दिन इनके सामने रोजी-रोटी के लाले पड़ जाएंगे, क्योंकि यह लोग कोई दूसरा और काम जानते भी नहीं है.

Last Updated : Sep 29, 2019, 12:48 AM IST

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