नई दिल्ली : भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर भारत की ओर से कोशिशें जारी हैं, लेकिन फिलहाल इसमें कुछ और देरी हो सकती है, क्योंकि अभी इस दिशा में एक और कानूनी मुद्दा सुलझाना बाकी है. माल्या फिलहाल इंग्लैंड में जमानत पर बाहर है.
लंदन के सूत्रों ने कहा कि प्रत्यर्पण प्रक्रिया को विफल करने के लिए माल्या की ओर से सभी संभव प्रयास किए जा सकते हैं.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के एक शीर्ष अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि माल्या सभी कानूनी उपायों का फायदा उठाने वाले हैं. पहले आधिकारिक आदेश सामने आ जाए फिर भारतीय मिशन को सूचित करना होगा.
अधिकारी ने कहा कि जांच एजेंसियां इस संभावना से अवगत हैं कि माल्या पूर्व राज्यसभा सदस्य होने के नाते ब्रिटेन में राजनीतिक शरण ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें इस आशय की जानकारी है.
सीबीआई के एक अन्य सूत्र ने गुरुवार को कहा कि माल्या के प्रत्यर्पण में समय लगेगा, क्योंकि ब्रिटेन द्वारा इस संबंध में औपचारिक प्रत्यर्पण आदेश जारी नहीं किया गया है. इसके अलावा भगोड़े शराब व्यापारी के पास एक कानूनी विकल्प भी है.
ब्रिटेन की हाईकोर्ट ने 14 मई को लंदन में सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने की अनुमति मांगने वाले माल्या की याचिका को खारिज कर दिया था.