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विवाहेतर संबंध समाज के लिए बनता जा रहा गंभीर चुनौती! - नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो

लोग अपने परिवार के लिए क्या कुछ नहीं करते. कभी परिवार की खुशी के लिए अपनी खुशियों की कुर्बानी दे देते हैं, तो कभी परिवार के साथ मिल-जुलकर रहने और परिवार को खुश रखना ही अपनी जिंदगी का मकसद बना लेते हैं, लेकिन आज कल बड़ा परिवार न्यूक्लियर फेमिली तक सिमटा गया है. विवाहेतर संबंधों में वृद्धि के कारण अब यह रिश्ता भी टूट रहा है.

रिश्तों में पड़ रही है दरार
रिश्तों में पड़ रही है दरार

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Published : Nov 7, 2020, 5:38 PM IST

नई दिल्ली : हमारे देश में परिवार को सबसे ज्यादा अहमियत दी जाती है. लोग अपने परिवार के लिए क्या नहीं कर गुजरते. कभी परिवार की खुशी के लिए अपनी निजी खुशियों की कुर्बानी देते हैं. तो, कभी परिवार के साथ मिल-जुलकर रहने और परिवार को खुश रखना ही अपनी जिंदगी का मकसद बना लेते हैं.

अपनी संस्कृति और परंपरा के लिए विख्यात भारत में विवाह की व्यस्था के टूटने के संकेत हैं जो भयभीत करने की वजह बन रहा हैं. विदेशी जबकि हमारे रीति-रिवाजों को देखते हैं, हमारे देशवासी पश्चिमी संस्कृति की आंख बंद करके नकल कर रहे हैं. बड़ा परिवार न्यूक्लियर फेमिली तक सिमटा गया है. विवाहेतर संबंधों में वृद्धि के कारण अब यह भी टूट रहे है.

यह देखना दुर्भाग्य पूर्ण है कि लोग मौज-मस्ती के लिए अपने संबंधों से भी दूर हो रहे हैं. विवाहेतर संबंध समाज के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहे हैं. मद्रास उच्च न्यायालय ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि इस तरह के गोपनीय मामले हत्या और अपहरण सहित कई अपराधों के मूख्य कारण बन रहे हैं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी ) की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2001 से 2017 के बीच प्रेम संबंध और विवाहेतर संबंध हत्याओं के पीछे दूसरा सबसे बड़ा कारण थे. कुछ लोग काफी कम उम्र में ही विवाह कर लेते हैं और खूशी नहीं मिलने की वजह से असंतोष का अनुभव करते हैं. शारीरिक और भावनात्मक कमजोरी, वित्तीय असुरक्षा, बदलती आकांक्षाएं और प्राथमिकताएं और मौजूदा पति या पत्नी के साथ मतभेद और असामंजस्य, उत्तेजना और ऊब कुछ ऐसे कारण हैं निजी और पैसे से जुड़ी मुश्किलें अक्सर लोगों को राह से भटका देती हैं. उनमें से कुछ अपने करियर में आगे बढ़ने के लिए अवैध संबंध की राह पर चले जाते हैं.

इंटरनेट पर दोस्ती ने नई तरह की खतरे को जन्म दिया है. एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार विवाहेतर संबंधों की वजह से पिछले कुछ महीनों में अकेले चेन्नई में 28 हत्याएं हुईं. मंगलागिरी (गुंटूर जिले) में एक व्यक्ति ने इसी तरह के अवैध संबंधों की वजह से अपने छोटे भाई की हत्या कर दी. सत्तेनापल्ली में एक अन्य घटना में एक महिला के साथ उसके प्रेमी और उसके 9 साल के बेटे की हत्या कर दी गई. नागरकर्नूल की एक महिला का मामला है जिसने प्रेमी के पास रहने के लिए पति की हत्या कर दी. इस घटना ने कई लोगों को चौंका दिया. परिवार को स्थायी नुकसान की कीमत पर विवाहेतर संबंध अस्थायी खुशी लाते हैं. जनता की नजर से एक अवैध संबंध छिपाने के तनाव से निपट पाना असंभव है. इस प्रक्रिया में बच्चों पर सबसे ज्यादा नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हो चुका है कि इस तरह के अवैध संबंध वाले परिवार के बच्चे बड़े होने के बाद असुरक्षित और उदास रहते हैं और वे मानसिक रूप से अस्थिर रहते हैं. इन लक्षणों से बच्चों को ड्रग्स और अन्य बुरी की लत का शिकार होने का सबसे अधिक खतरा होता हैं.

पढ़ें :क्यों पनपते हैं विवाहेतर संबंध

न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के एक सर्वेक्षण के अनुसार विवाहेतर संबंध से महिलाओं को दिल की धमनियों से संबंधी बीमारियां, पागलपन से संबंधित विकार और सिज़ोफ्रेनिया का शिकार होने का खतरा रहता है. अपने बच्चों के लिए साथी चुनते समय माता-पिता को सावधान रहना चाहिए . जोड़ों को शादी के बाद झगड़े होने की स्थिति में सलाहकार या विश्वसनीय बुजुर्ग की सहायता लेनी चाहिए. माता-पिता को एहसास होना चाहिए कि उनकी शादी की नाकामी उनके बच्चों के लिए एक बुरी मिसाल कायम कर सकती है और उनके हिसाब से उनके रास्ते बदल सकती है.

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