नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती की हिरासत को बढ़ाया जाना 'कानून का दुरूपयोग' और देश के प्रत्येक नागरिक के 'संवैधानिक अधिकारों पर हमला' है. साथ ही, उन्होंने महबूबा की फौरन रिहाई की भी मांग की.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट किया, 'पीएसए के तहत महबूबा मुफ्ती की हिरासत को बढ़ाया जाना कानून का दुरूपयोग और प्रत्येक नागरिक को प्राप्त संवैधानिक अधिकारों पर हमला है.'
चिदंबरम ने कहा, '61 वर्षीय एक पूर्व मुख्यमंत्री , चौबीसों घंटे सुरक्षा गार्ड की पहरेदारी में रहने वाली शख्स, जन सुरक्षा के लिये खतरा कैसे हैं? '
पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पीडीपी नेता (महबूबा) ने सशर्त रिहा किये जाने की पेशकश ठुकरा कर सही की क्योंकि कोई भी आत्मसम्मान रखने वाला नेता यही करता.
उन्होंने कहा कि उनकी हिरासत के लिये दिया गया एक कारण--उनकी पार्टी के झंडा का रंग-- हास्यास्पद है.
चिदंबरम ने कहा, 'वह अनुच्छेद 370 को निरस्त किये जाने के खिलाफ क्यों नहीं बोल सकती? क्या यह अभिव्यक्ति की स्वत्रंतता का हिस्सा नहीं है?'