नई दिल्ली : नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) कानून पर स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि यह भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में समग्र विकास लाएगा.
दरअसल एनएमसी कानून का लंबे विरोध के बाद केंद्र सरकार ने कानूनी जामा पहना दिया है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञ और एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स के महानिदेशक डॉ. गिरिधर ज्ञानी ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कहा कि एनएमसी कानून निश्चित रूप से भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ा परिवर्तन लाएगा.
डॉ. ज्ञानी के अनुसार, 'सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी थी. यह भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक लंबे समय से प्रतीक्षित सुधार था. यह दिक्कत थी कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) भारत में चिकित्सीय शिक्षा, पेशे और संस्थानों के सभी पहलुओं को विकसित करने और नियामक के तौर पर आवश्यक सुधार लाने में सक्षम नहीं था.'
स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस विधेयक को भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में सबसे बड़े सुधार के रूप में मानते हैं. इस विधेयक ने एमसीआई के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को देखते हुए भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम 1956 में संशोधन किया है. इसका उद्देश्य देश में मेडिकल कॉलेजों को विनियमित करने की प्रक्रिया में कमियों को दूर करना भी है.
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