पटना : कोरोना संक्रमण के दौरान पीपीई किट की बढ़ती मांग और इसकी खराब गुणवत्ता की खबरों को ध्यान में देखते हुए अब कई निजी कंपनियां भी पीपीई किट बनाना शुरू कर दी हैं. बिहार की राजधानी पटना में कई बुटीक संचालिका भी पीपीई किट बनाना शुरू कर दी हैं. बाजार में 500 से लेकर 6000 तक के बीच में पीपीई किट मौजूद हैं. अब ऐसे में डॉक्टरों का कहना है कि सभी प्रकार के पीपीई किट स्वास्थ्यकर्मी इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं.
पटना में पीपीई किट का निर्माण कर रही बुटीक संचालिका श्वेता कुमारी बताती हैं कि पीपीई किट बनाने के लिए दो प्रकार के कपड़े मिलते हैं. एक सफेद रंग का जो 85 एमएम का होता है और दूसरा नीले रंग का जो 95 एमएम का होता है. उन्होंने बताया कि एक पीपीई किट का पूरा सेट तैयार करने में उन्हें 650 रुपये के करीब लागत आती है, जिसमें वह फेस शिल्ड और सेनेटाइजर भी रखती हैं.
क्या है PPE किट की कीमत?
वहीं, पूरे विश्व में स्वास्थ्य सेवा में काम करने वाली संस्था डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के इंडिया हेड प्रिंस मैथ्यू ने बताया कि सभी प्रकार की पीपीई कीट जो बाजार में मिल रहे हैं, कोरोना वायरस के संक्रमण काल में वह स्वास्थ्य कर्मियों के लिए उपयोगी नहीं है.
उन्होंने बताया कि वह अपने यहां वही पीपीई किट इस्तेमाल करते हैं जो डब्ल्यूएचओ से प्रमाणित होता है. एक पीपीई किट की कीमत लगभग 3000 के करीब होती है. इस पीपीई किट में ट्रांसपेरेंट स्पेक्टकल्स भी मौजूद रहता है. बाजार में जो सस्ते पीपीई किट मिल रहे हैं, उनमें शीर्ष से शील्ड का गुणवत्ता स्तर की है. जो संक्रमण रोकने में कोई काम नहीं करती है. उन्होंने बताया कि स्पेक्टकल्स और एन-95 मास्क के बाद ही फेस शिल्ड का उपयोग करना कारगर होता है.