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अमेरिका पर टैरिफ बढ़ाने का फैसला, पूर्व राजदूत ने कहा- नहीं हो सकती भारत की अनदेखी

सरकार ने अमेरिका के खिलाफ व्यापारिक जवाबी कार्रवाई करते हुए देश के 28 उत्पादों पर प्रशुल्क बढ़ा दिया है. पूर्व राजदूत ने सरकार के इस फैसले की सराहना करते हुए कहा कि भारत की अपनी सामरिक स्वायत्तता है. पढ़ें पूरी खबर.

पूर्व राजनयिक अनिल त्रिगुणायत

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Published : Jun 18, 2019, 11:34 PM IST

Updated : Jun 18, 2019, 11:41 PM IST

नई दिल्ली: पूर्व राजनयिक अनिल त्रिगुणायत ने भारत द्वारा अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने के सरकार के फैसले की सराहना की. इस दौरान उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन को ये समझना चाहिए कि भारत के पास दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है, जिसे वह अनदेखा नहीं कर सकते.

इस संबंध में पूर्व राजनयिक अनिल त्रिगुणायत ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा, 'यह बिल्कुल सही तरीका है. हम अपने राष्ट्रीय हित से प्रेरित हैं. ये कदम उठाकर वे (अमेरिका) भारत के विकास पर रोक लगाना चाहता है.'

अनिल त्रिगुणायत से हुई बातचीत

आपको बता दें, अनिल त्रिगुणायत तीन दशकों से अधिक समय तक विदेशी सेवाओं में काम कर चुके हैं.

उन्होंने ट्रंप प्रशासन के उच्च-स्तरीय दृष्टिकोण के बारे में बोलते हुए दावा किया कि अमेरिका की पहली नीति आपके रणनीतिक साझेदारों के साथ संघर्ष करने में नहीं होनी चाहिए.

पढ़ें:भारत की जवाबी कार्रवाई: अमेरिका से आने वाले 28 उत्पादों पर बढ़ाया प्रशुल्क

उन्होंने कहा, 'भारत कोई 'बनाना रिपब्लिक' नहीं है. हम ऐसे देश हैं, जिसकी अपनी सामरिक स्वायत्तता है. आज भी अगर अमेरिकियों को संतुलित करने के लिए कोई पावर नहीं हो, तो भारत ऐसे में कुछ अन्य देशों के साथ मिलकर उन्हें ये बाजार प्रदान कर सकता है.'

इसके साथ ही अनिल ने अमेरिका का भारत से आयात किए जाने वाले कुछ उत्पादों पर शुल्क बढ़ाने के फैसले को गलत बताया. बता दें, अमेरिका के इसी फैसले पर जवाबी कार्रवाई करते हुए भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने का फैसला लिया है.

अनिल त्रिगुणायत ने दावा किया कि ट्रंप प्रशासन वैश्विक व्यापार की कीमत पर अपने स्वयं के हित के लिए काम कर रहा है, जो अच्छी बात नहीं है.

बता दें कि अनिल त्रिगुणायत विदेशों के कई भारतीय मिशन में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. भारतीय विदेश सेवा (IFS) के अधिकारी के रूप में इनके पास अमेरिका, आइवरी कोस्ट (Cote d'Ivoire), बांग्लादेश, रूस, नाइजीरिया जैसे देशों में काम करने का अनुभव रहा है. वे मई, 2016 में सेवानिवृत्त हुए हैं.

Last Updated : Jun 18, 2019, 11:41 PM IST

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