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कोरोना : स्पष्ट निर्देश और सख्त फैसलों से मिली न्यूजीलैंड को निजात - दूत - न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डन '

पूरी दुनिया में हर तरफ एक ही मॉडल की चर्चा है और वह है जेसिंडा अर्डेन न्यूजीलैंड मॉडल. महज 50 लाख की आबादी वाले इस देश ने वह कर दिखाया है जो कोई और नहीं कर सका. यूं तो दुनिया के नक्शे पर ऐसे कई देश हैं, जहां कोरोना का वायरस घुस ही नहीं सका. लेकिन न्यूजीलैंड ऐसा देश बन गया है, जहां कोरोना की एंट्री भी हुई. उससे 15 सौ से ज्यादा लोग बीमार भी हुए. 22 लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी. लेकिन इन सब के बावजूद न्यूजीलैंड ने कोरोना को महज 99 दिनों में अपने घर से बाहर निकाल दिया. पढ़ें पूरी खबर...

Muktesh Pardesh
उच्चायुक्त मुक्तेश कुमार परदेशी

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Published : Jun 13, 2020, 6:59 AM IST

Updated : Jun 13, 2020, 8:40 AM IST

नई दिल्ली : न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डन ने नौ जून को एलान किया कि उनका देश कोरोना वायरस मुक्त हो गया है. इसके साथ ही न्यूजीलैंड दुनिया का नौवां देश बन गया है, जिसने कोरोना को हराया है. दुनियाभर में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए न्यूजीलैंड की तारीफ हो रही है. वहीं लोग प्रधानमंत्री अर्डन की नेतृत्व शक्ति की भी जमकर प्रशंसा कर रहे हैं. हालांकि, न्यूजीलैंड के लिए इस वैश्विक महामारी के खिलाफ जंग आसान नहीं रही. कड़े फैसलों और सरकार की दूरदर्शी सोच ने न्यूजीलैंड को इस महामारी से उबारा है. बता दें कि न्यूजीलैंड में 29 मई को कोरोना संक्रमण का आखिरी मामला सामने आया था.

इतना ही नहीं न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री देश में कोरोना केस शून्य होने की खबर से इतनी खुश हुईं कि डांस करने लगी थी. इस मामले पर न्यूजीलैंड में भारतीय उच्चायुक्त मुक्तेश कुमार परदेशी कहते हैं कि प्रारंभिक स्वास्थ्य चेतावनी प्रणाली, स्पष्ट संदेश और प्रधानमंत्री के प्रति लोगों का विश्वास न्यूजीलैंड को कोरोना से निबटने में सहायक बना.

वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा से बात करते हुए भारतीय उच्चायुक्त मुक्तेश ने बताया कि कैसे न्यूजीलैंड ने अपने लोगों को कोरोना वायरस के बारे में बताया और शिक्षित किया. इसके अलावा इससे निबटने के लिए शुरुआती कदम उठाए.

न्यूजीलैंड में भारतीय उच्चायुक्त मुक्तेश कुमार परदेशी से खास बातचीत.

उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में ऑस्ट्रेलिया या कुछ छोटे प्रशांत देशों के साथ उड़ान फिर से शुरू होने की संभावनाओं के साथ सीमा प्रतिबंध बने हुए हैं. राजदूत परदेशी ने बताया कि न्यूजीलैंड अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पिछले वर्ष की भांति मनाया जाएगा.

सवाल : भारत और न्यूजीलैंड आकार और जनसंख्या में बहुत भिन्न हैं ?

जवाब : मैं इस समय न्यूजीलैंड में रहकर बहुत भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं क्योंकि न्यूजीलैंड ने खुद को कोरोना मुक्त घोषित कर दिया है. इससे न्यूजीलैंड एक रोल मॉडल बन गया है. नौ जून को न्यूजीलैंड दुनिया के उन नौ देशों में से एक बन गया जो कोरोना मुक्त हैं. इन नौ देशों में न्यूजीलैंड, तंजानिया, फिजी, मॉन्टेनीग्रो, वेटिकन सिटी, सेशेल्स, सेंट किट्स एंड नेविस, तिमोर लेस्ते और पापुआ न्यू गिनी शामिल हैं. न्यूजीलैंड ने कोरोना वायरस के खतरे को पहले ही भांप लिया, क्योंकि यह एक विकसित, औद्योगिक देश है और पश्चिमी दुनिया के साथ अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. 29 मई के बाद से यहां कोई नया मामला नहीं आया है.

न्यूजीलैंड में सिर्फ 1,500 लोग संक्रमित हुए, जिनमें से 22 लोगों की मौत हो गई. यह बहुत ही उत्साह जनक है. इसके बाद न्यूजीलैंड अपनी सीमाओं से कोरोना वायरस को खत्म करने की कोशिश कर रहा है. हालांकि, इसके लिए कई चीजें उत्तरदायी रहीं जैसे की जनसंख्या और आकार. न्यूजीलैंड महज 50 लाख की आबादी वाला देश है, लेकिन क्षेत्रफल की दृष्टि में काफी फैला हुआ है. इसलिए यहां के लोगों को अलगाव और सेल्फ आइसोलेशन में भारत के मुकाबले रखना आसान हुआ.

सवाल : दुनियाभर में सबसे सख्त लॉकडाउन में से एक भारत में देखा गया था. इसके बाद भी संक्रमितों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई.

जवाब :न्यूजीलैंड ने पहले सप्ताह में ही चार चरण स्वास्थ्य अलार्म प्रणाली लागू की और लागातार लोगों को शिक्षित किया कि विभिन्य चरणों में क्या होगा. चार उच्चतम स्तर है. 20 मार्च के आस-पास न्यूजीलैंड ने प्रथम चरण घोषित किया. इसके तीन से चार बाद ही यहां चौथा चरण घोषित कर दिया, क्योंकि यहां कि प्रधानमंत्री को एहसास हो गया था कि कोरोना तेजी से फैल सकता है. शुरुआत में ज्यादातर प्रसारण विदेश से छात्रों के रूप में फैला. इतना ही नहीं न्यूजीलैंड ने देश की साथ सीमाओं को सील कर दिया. इस तरह से स्वास्थ्य अलार्म सिस्टम को लागू किया. हालांकि इस दौरान यहां के लोगों को चुनौतियों का सामना करना पड़ा.

इसलिए मैं कहूंगा कि यहां स्वास्थ्य अलार्म प्रणाली का प्रसार एक उत्कृष्ट उदाहरण है कि सरकार लोगों को कैसे विश्वास में ले सकती है. लोगों ने सरकार का सहयोग किया. इतना ही नहीं लोगों ने कहा कि उन्हें सरकार पर भरोसा है.

सवाल : दक्षिण कोरिया की कोरोना से निबटने में एक सफल मॉडल के रूप में प्रशंसा हुई. इसके बाद भी साउथ कोरिया सावधानियां बरत रहा है तो न्यूजीलैंड क्या सावधानियां बरतता रहेगा?

जवाब : नौ जून से न्यूजीलैंड स्वास्थ्य अलार्म चरण 1 में है. इसलिए यह पूरी तरह से सामान्य नहीं है, लेकिन सामाजिक सम्मेलन होते हैं. अब यात्रा प्रतिबंध नहीं. अर्थव्यवस्था वापस सामान्य हो गई है. लेकिन सीमाएं अभी भी बंद हैं. इस दौरान किसी भी विदेशी को अनुमति नहीं दी जा रही है. इसके अलावा जो अन्य देशों में फंसे हुए थे वह आ रहे हैं, लेकिन उनको पहले 14 दिनों तक क्वारंटाइन में रखा जाता है.

सवाल : क्या उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी के साथ भारत की यात्रा फिर से शुरू करने की कोई संभावना है?

जवाब : अब तक हम अपने लोगों के प्रत्यावर्तन के लिए तैयार हैं. यहां करीब 3000 भारतीय फंसे हुए हैं. वंदे भारत मिशन के तहत हमें इस पूरे महीने में नौ एयर इंडिया की उड़ानें मिली हैं. हमारी पहली उड़ान पिछले सप्ताह ही थी और यह 30 जून तक जारी रहेगी. इसलिए यहां फंसे लोग भारत जा रहे हैं और भारत से रवाना होने वाली उड़ान भी भारत के कई हिस्सों में फंसे कीवी को ला रही हैं.

सवाल : भारत और न्यूजीलैंड के बीच हाइड्रोक्सॉक्लोरोक्विन (एचसीक्यू) आपूर्ति सहित किस तरह का सहयोग है?

जवाब : हम एक दूसरे के साथ सहयोग कर रहे हैं. कुछ हफ्ते पहले हमारे ईएएम ने न्यूजीलैंज के उप प्रधानमंत्री के साथ टेलीफोन पर बातचीत की थी. न्यूजीलैंड कुछ दवा उत्पादों की आपूर्ति के लिए भारत पर निर्भर था. हमने इस बात हो उठाया. जिसके बाद भारत से दवाओं की आपूर्ति लगातार जारी है. भारत-प्रशांत के चुनिंदा देश भी विदेश सचिव स्तर पर एक महीने से संपर्क में थे और न्यूजीलैंड भी उस समूह का हिस्सा था, जिसके तहत उन्होंने आपूर्ति श्रृंखला के कई पहलुओं पर चर्चा की कि कैसे देश इस संकट से निपट सकते हैं, कैसे देश सहयोग कर सकते हैं. हम वंदे भारत मिशन के तहत एक दूसरे के देश के नागरिकों को वापस लाने के लिए संपर्क में हैं. हम एक दूसरे के साथ दोस्ताना और विश्वसनीय साथी के रूप में सहयोग कर रहे हैं.

सवाल : अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के बारे में क्या कहना चाहेंगे.

जवाब :जनवरी में भारतीय क्रिकेट टीम यहां का दौरा किया था. यहां की सीमाएं सील होने से पहले भारतीय टीम न्यूजीलैंड को छोड़ा दिया था. कीवियों को रग्बी बहुत पसंद है और वे अपनी घरेलू श्रृंखला शुरू करने जा रहे हैं.

सवाल : भारत में स्टेडियम में खेलों की अनुमति दे दी है, लेकिन इस दौरान कोई दर्शक नहीं होगा. क्या न्यूजीलैंड ने भी ऐसा किया है.

जवाब : यहां पर लोग एक जगह इकट्ठा हो सकते हैं. इसके लिए कोई प्रतिबंध नहीं है. इतना ही नहीं घरेलू यात्राओं पर भी प्रतिबंध नहीं है. न्यूजीलैंड में पिछले वर्ष की भांति 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस भी मनाया जाएगा. इसलिए न्यूजीलैंड उन पहले देशों में से एक होगा, जहां सामान्य तरीके से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा. इस दौरान हजारों लोग इकट्ठा होंगे. यहां पर कोई प्रतिबंध नहीं है. केवल सीमाएं सील है.

सवाल : यह देखते हुए कि चीन ने ऑस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड को कोरोना की उत्पत्ति की जांच के लिए ट्रेड वार के साथ धमकी दी है.

जवाब : तथ्य यह है कि न्यूजीलैंड के चीन के साथ गहरे संबंध हैं जो एक या दो दशक में विकसित हुए हैं. इनके पास एफटीए (मुक्त व्यापार समझौता) है. चीन न्यूजीलैंड का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. मैं अखबारों में देखता रहा हूं कि न्यूजीलैंड शायद कोरोना के बाद आपूर्ति और नए बाजारों के अपने स्रोतों में विविधता लाएगा.

सवाल : भारत को चीन की दोषपूर्ण परीक्षण किट से संबंधित कई मुद्दों का सामना करना पड़ा. क्या न्यूजीलैंड ने परीक्षण किट और पीपीई किट को चीन या कहीं और देशों से मगाया था.

जवाब : न्यूजीलैंड ने बाहर से भी स्वास्थ्य उपकरणों का मंगाया और यहां पर भी उत्पादन किया, लेकिन मुझे नहीं लगता कि यहां पर यह प्रमुख मुद्दा था.

Last Updated : Jun 13, 2020, 8:40 AM IST

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