शिमला:हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार अपने कार्यकाल का तीसरा साल पूरा करने जा रही है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपनी सरकार के अब तक सफर पर ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने दावा किया कि कोविड संकट के बावजूद हिमाचल में विकास की रफ्तार को रुकने नहीं दिया गया. हिमाचल पर भारी कर्ज को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कोई भी सरकार बिना कर्ज के काम नहीं चला सकती. ये देखना जरूरी है कि जो कर्ज लिया गया, उसका सही उपयोग हो.
पूर्व की कांग्रेस सरकार पर तंज
मुख्यमंत्री जयराम ने पूर्व की कांग्रेस सरकार पर तंज कसा कि उनके कार्यकाल में राज्य पर 47 हजार करोड़ का कर्ज हो चुका था. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि कोविड संकट में भी किसी विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों को अवरुद्ध नहीं होने दिया गया. उन्होंने कर्मचारियों के अनुबंध सेवाकाल की अवधि को घटाकर दो साल किए जाने पर भी विचार की बात कही. मुख्यमंत्री ने विपक्षी दल कांग्रेस को भी घेरा और कहा कि विरोधी दल के पास बोलने के लिए कोई मुद्दा नहीं है. मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के वायरल ऑडियो विवाद पर सख्त एक्शन लेकर भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति का जिक्र किया और कहा कि सरकार किसी भी कीमत पर गलत कार्यों को बर्दाश्त नहीं करेगी. साथ ही उन्होंने तीन साल के कार्यकाल को बेहतर बताया और दावा किया कि 2022 में भी भाजपा की ही सरकार बनेगी.
जयराम ठाकुर का राजनीतिक सफर मंडल अध्यक्ष से शुरू हुआ
साक्षात्कार के दौरान जयराम ठाकुर ने राजनीति में इस मुकाम तक पहुंचने की पृष्ठभूमि का भी जिक्र किया. अपने राजनीतिक सफर के बारे में उन्होंने कहा कि पूर्व में मंडी के दिग्गज नेता स्व. कर्मसिंह ठाकुर मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे और मंडी की जनता चाहती थी कि एक बार इस इलाके को प्रदेश की कमान संभालने का मौका मिले. जनता की इस भावना की अभिव्यक्ति विधानसभा चुनाव के दौरान हुई. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका राजनीतिक सफर मंडल अध्यक्ष से शुरू हुआ था और फिर बढ़ते-बढ़ते प्रदेश अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री और मुख्यमंत्री तक पहुंचा है. मुख्यमंत्री बोले कि इसके लिए वे सिराज की जनता और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व का आभार जताते हैं.
स्व. कर्म सिंह के राजनीतिक जीवन को भी मुख्यमंत्री ने किया याद
जयराम ठाकुर ने स्व. कर्म सिंह के राजनीतिक जीवन को भी याद किया और कहा कि वे मुख्यमंत्री की कुर्सी के दावेदार थे, लेकिन तत्कालीन समय की परिस्थितियां ऐसी थीं कि वे इस पद पर नहीं पहुंच पाए, लेकिन अब सिराज की जनता की आकांक्षाएं पूरी हुई हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड संकट के कारण उनकी सरकार के वास्तव में देखा जाए तो केवल दो ही साल काम करने का मौका मिला है. वैश्विक महामारी कोरोना में करीब एक साल का समय मुश्किल भरा रहा. उन्होंने स्वीकार किया कि कोविड के कारण हिमाचल के विकास को लेकर जो लक्ष्य निर्धारित किए थे, उन पर असर पड़ा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट के बाद भी हर विधानसभा क्षेत्र में करोड़ों के कार्य हुए हैं और हो रहे हैं. जमीनी स्तर पर विकास को हमारी सरकार ने रुकने नहीं दिया है.
पात्र लोगों को पेंशन योजना का फायदा
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के गठन के बाद से ही सरकार ने बेहतरीन तरीके से काम किया है. बुजुर्ग लोगों की पेंशन के लिए आयु सीमा घटाकर सत्तर साल की गई. पांच लाख साठ हजार से अधिक पात्र लोगों को पेंशन योजना का फायदा मिल रहा है. इसी तरह हिम केयर योजना के माध्यम से सवा लाख से अधिक लोगों को निशुल्क इलाज देकर लाभ पहुंचाया है.