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नए सुधार भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएंगे : डीआरडीओ अध्यक्ष

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने रक्षा क्षेत्र में निजी कंपनियों के निवेश का स्वागत किया है. उन्होंने ईटीवी भारत से बात करते हुए केंद्र सरकार के इस फैसले के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि यह फैसला भारत के लिए कैसे फायदेमंद साबित होगा और किस तरह से हम रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना सकते हैं. पढ़ें पूरी बातचीत...

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Published : May 18, 2020, 9:39 PM IST

Updated : May 19, 2020, 5:44 PM IST

exclusive interview of drdo chairman g satheesh reddy with etv bharat
डीआरडीओ अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी

नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में रक्षा क्षेत्र के लिए नए सुधार उपायों की घोषणा की है. केंद्र सरकार ने स्वचालित मार्ग के तहत रक्षा विनिर्माण के लिए विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) की सीमा 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का फैसला किया है.

ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत करते हुए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने बताया कि निकट भविष्य में किन उत्पादों का देश में आयात जारी रहेगा, इसकी अब तक कोई सूची नहीं है लेकिन जल्द ही तैयार कर ली जाएगी. उन्होंने कहा कि भारत ने धीरे-धीरे खुद को मिसाइलों, रडार प्रौद्योगिकियों और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध जैसी प्रौद्योगिकियों का उत्पादन करने में सक्षम बना लिया है.

खास बातचीत के दौरान जी सतीश रेड्डी

ईटीवी भारत के पत्रकार संजीब कुमार बरुआ (Sanjib Kr Baruah) के साथ एक खास बातचीत में डॉ सतीश रेड्डी ने कहा कि भारत को आने वाले वर्षों में अन्य देशों के उत्पादों को आयात करने की आवश्यकता नहीं होगी. भारतीय उद्योगों ने स्वदेशी प्रणाली विकसित करने की चुनौती के लिए खुद को तैयार किया है.

खास बातचीत के दौरान जी सतीश रेड्डी

इससे भारत में उद्योगों को फलने-फूलने में मदद मिलेगी और कुछ ही समय में देश में दो और तीन स्तरीय उद्योगों की संख्या हो जाएगी.

भारत अन्य देशों से स्पेयर पार्ट्स की खरीद पर बहुत पैसा खर्च करता है. नए सुधारों के साथ भारत इन्हें अंतर्जात रूप से विकसित करने में समान धन का निवेश कर सकता है.

खास बातचीत के दौरान जी सतीश रेड्डी

यह एक तरह से भारतीय उद्योगों को लाभ प्रदान करेगा और देश में बहुत विदेशी मुद्रा लाने में भी मददगार साबित होगा. जैसे-जैसे विदेशी देश, भारत में निवेश करना शुरू करेंगे, हमारा औद्योगिक क्षेत्र विकसित होगा और आपूर्ति श्रृंखला में भी कोई परेशानी नहीं होगी. भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की राह पर निकल चुका है.

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने से भारत में विदेशी निवेश के द्वार खुल गए हैं. देश में जितने अधिक उद्योग होंगे, भारत रक्षा प्रौद्योगिकियों के मामले में उतना ही आत्मनिर्भर बनेगा.

खास बातचीत के दौरान जी सतीश रेड्डी

स्वदेशी उत्पादन से भारत में रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे. अगर सब कुछ सही रहता है तो हम आने वाले कुछ वर्षों में अपने उत्पाद अन्य देशों को निर्यात भी करना शुरू देंगे.

नए सुधारों की घोषणा के साथ डीआरडीओ की भूमिका अधिक महत्वपूर्ण हो गई है. हमारे काम करने के नियम निश्चित रूप से सख्त हो जाएंगे.

डीआरडीओ डेवलपर नहीं बल्कि एक प्रौद्योगिकी प्रदाता है. यह नई तकनीक प्रदान करता रहेगा. उद्योगों को उनका निर्माण जारी रखना होगा.

Last Updated : May 19, 2020, 5:44 PM IST

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