अयोध्या : बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा, 'मुकदमा वापस लेने की जानकारी मुझे मीडिया से ही हुई है. अगर ऐसा होता भी है तो यह सुन्नी वक्फ बोर्ड का निर्णय है. हम शुरू से ही कहते आ रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट जो भी निर्णय देगा, हम उसे स्वीकार करेंगे.'
इकबाल अंसारी ने कहा, 'आपसी सौहार्द की बात करें तो अयोध्या में हमेशा प्रेमभाव रहा है और यहां आपसी सौहार्द कायम रहेगा. मुझे विश्वास है कि केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार है और प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार है. सब कुछ अच्छा चल रहा है और कहीं कुछ गड़बड़ नहीं होने वाला है. सरकार की नजर उन पर भी है, जो गड़बड़ी फैलाना चाहते हैं और उन पर भी है, जो शांति व्यवस्था बहाल कर रहे हैं.'
ईटीवी भारत की इकबाल अंसारी से खास बातचीत. इकबाल अंसारी ने कहा - साक्ष्य पेश हो चुके हैं
बाबरी मस्जिद मुकदमे में अंतिम दिन की सुनवाई के दौरान इकबाल अंसारी ने कहा कि आज रामजन्मभूमि और बाबरी मस्जिद के विवाद का अंतिम दिन है. आज एक घंटे का समय मिला है, जिसमें हिन्दू पक्षकार और मुस्लिम पक्षकार दोनों ही मौजूद हैं. उन्होंने कहा, 'हमने इस बात को लेकर पहले भी कहा है कि फैसला चाहे जिसके भी पक्ष में आए, हमें उससे फर्क नहीं पड़ता. हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले को हर हाल में मानने को तैयार हैं. अब हमारे यहां कुछ भी कहने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में हिन्दू पक्षकार और मुस्लिम पक्षकार, दोनों तरफ से सारे सबूत पेश हो चुके हैं और सारी बातें हो चुकी हैं.'
इकबाल अंसारी ने कहा कि जो अफवाह सुबह से उड़ रही है कि मुस्लिम पक्षकार अपना फैसला बदल रहा है, अपना मुकदमा वापस ले रहा है, तो ये सारी बातें झूठी हैं. उन्होंने कहा, 'हमने अपने वकील से बात की है और जब यह अफवाह उड़ी, तब सुप्रीम कोर्ट बंद था.'
फैसले का करेंगे स्वागत
इकबाल अंसारी ने एएसआई की रिपोर्ट के प्रश्न पर कहा, 'सुप्रीम कोर्ट में दोनों पक्षों की तरफ से जो साक्ष्य रखे गये हैं, वे ही असल मायने रखते हैं. मेरा यहां पर कुछ भी कहना उचित नहीं होगा.' उन्होंने कहा कि हाजी महबूब द्वारा दिये गये बयान में एएसआई की रिपोर्ट एकदम झूठी है. लेकिन उन्होंने यह भी कहा, 'हमारी उनसे ज्यादा मुख्तलिफ नहीं होती है, इसलिए हम उनकी बात से इत्तफाक नहीं रखते हैं और न ही हम उनकी बात का जवाब दे सकते हैं.' साथ ही उन्होंने यह भी कहा, 'सुप्रीम कोर्ट राम मंदिर के पक्ष में अगर फैसला करता है या बाबरी मस्जिद के पक्ष में फैसला करता है, हम दोनों का ही स्वागत करेंगे.'