नई दिल्ली : बाबरी विध्वंस मामले पर सीबीआई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. सीबीआई की विशेष अदालत ने पूर्व गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है. अदालत ने साक्ष्य के अभाव में इन आरोपियों को बरी कर दिया. फैसले पर वर्ष 1992 में केंद्रीय गृह सचिव रहे माधव गोडबोले ने असंतोष जाहिर किया है.
पूर्व गृह सचिव माधव गोडबोले ने कहा, 'उम्मीद नहीं की थी कि कोर्ट से इस तरह का फैसला आएगा.' उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि हमारे सिस्टम में कुछ कमियां हैं, जिस पर हमें विचार करना चाहिए.
गोडबोले ने कहा कि लोग कहेंगे कि अदालत के फैसले को मान लेना चाहिए, लेकिन उच्च न्यायालय और देश की शीर्ष अदालत में इसका परीक्षण होना चाहिए.'
उन्होंने कहा कि बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत का यह निर्णय मान लेना, मेरे हिसाब से गलत होगा. गोडबोले ने कहा कि कुछ कमियां सिस्टम की तरफ से रही होंगी, जिसकी वजह से इस तरह का निर्णय आया है. उन्होंने कहा कि यह कमियां किस तरह से दूर की जाएं, इसके बारे में हमें सोचना चाहिए.