नई दिल्ली : पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी का मानना है कि भारत पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी घुसपैठ के खिलाफ कार्रवाई करने में झिझकता दिख रहा है. उन्होंने चीन को एशियाई ड्रैगन बताते हुए कहा की चीन दक्षिण-एशियाई देश भारत की झिझक को भांपकर और आक्रामक हो गया है. भारत-चीन के मौजूदा संबंधों को लेकर ईटीवी भारत ने पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने भारत-चीन संबंधों को लेकर कई अहम बातें बताई. आइए जानें, क्या कुछ बोले पूर्व रक्षा मंत्री...
पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र में चीनी दुस्साहस से जुड़े सवाल पर एके एंटनी ने कहा कि चीन ने यह महसूस किया है कि भारत उसके खिलाफ कुछ भी करने से हिचकिचा रहा है और इसी वजह से वह और आक्रामक हो गया है. हर कोई भी यही सोच रहा है कि सरकार कार्रवाई करने में क्यों हिचकिचा रही है.
बता दें कि 29-30 अगस्त की दरम्यानी रात पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र में चीनी सैनिकों की घुसपैठ की खबरें सामने आई थीं जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया था. चीनी पक्ष की ओर से किए जा रहे उल्लंघन के बारे में भारत के पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों द्वारा पूर्वी लद्दाख में एलएसी का उल्लंघन लगभग चार महीनों से जारी है.
उन्होंने बीते 15 जून की गलवान घाटी हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने पीएलए सैनिकों के साथ घातक संघर्ष में अपने 20 जवान खो दिए. जबकि अपुष्ट रिपोर्टों के मुताबकि, चीन के भी 40 सैनिक मारे गए. हालांकि, चीन ने आज तक इन आंकड़ों पर चुप्पी साधी हुई है.
उन्होंने कहा कि बीते चार महीनों से सीमा पर घुसपैठ हो रही है. लेकिन अभी तक भारत सरकार केवल बयान ही जारी कर रही है, जबकि चीन अपने सैनिकों के साथ युद्ध की तैयारी करता दिख रहा है. उन्होंने कहा कि चीन पीएलए की टुकड़ी को न केवल पूर्वी लद्दाख बल्कि अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम की भी ओर जुटा रहा है.
एंटनी ने कहा, यहां तक कि पीएलए के सैनिक भारतीय गश्ती दल को उन इलाकों में भी गश्त करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं, जहां वह पहले गश्त किया करते थे.