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पूर्व रक्षा मंत्री बोले- चीनी घुसपैठ पर सिर्फ बयानबाजी कर रही सरकार

भारत के पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि बीते चार महीनों से सीमा पर चीन की ओर से घुसपैठ हो रही है. लेकिन अभी तक भारत सरकार केवल बयान ही जारी कर रही है, जबकि चीन अपने सैनिकों के साथ युद्ध की तैयारी करता दिख रहा है. उन्होंने कहा कि हर कोई फिलहाल यही सोच रहा है कि सरकार कार्रवाई करने में क्यों हिचकिचा रही है. पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी से खास बातचीत...

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चार महीनों से सीमा पर चीनी घुसपैठ जारी, सरकार दे रही सिर्फ बयान : पूर्व रक्षा मंत्री

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Published : Sep 1, 2020, 8:59 AM IST

Updated : Sep 1, 2020, 1:01 PM IST

नई दिल्ली : पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी का मानना है कि भारत पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी घुसपैठ के खिलाफ कार्रवाई करने में झिझकता दिख रहा है. उन्होंने चीन को एशियाई ड्रैगन बताते हुए कहा की चीन दक्षिण-एशियाई देश भारत की झिझक को भांपकर और आक्रामक हो गया है. भारत-चीन के मौजूदा संबंधों को लेकर ईटीवी भारत ने पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने भारत-चीन संबंधों को लेकर कई अहम बातें बताई. आइए जानें, क्या कुछ बोले पूर्व रक्षा मंत्री...

पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र में चीनी दुस्साहस से जुड़े सवाल पर एके एंटनी ने कहा कि चीन ने यह महसूस किया है कि भारत उसके खिलाफ कुछ भी करने से हिचकिचा रहा है और इसी वजह से वह और आक्रामक हो गया है. हर कोई भी यही सोच रहा है कि सरकार कार्रवाई करने में क्यों हिचकिचा रही है.

बता दें कि 29-30 अगस्त की दरम्यानी रात पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र में चीनी सैनिकों की घुसपैठ की खबरें सामने आई थीं जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया था. चीनी पक्ष की ओर से किए जा रहे उल्लंघन के बारे में भारत के पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों द्वारा पूर्वी लद्दाख में एलएसी का उल्लंघन लगभग चार महीनों से जारी है.

उन्होंने बीते 15 जून की गलवान घाटी हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने पीएलए सैनिकों के साथ घातक संघर्ष में अपने 20 जवान खो दिए. जबकि अपुष्ट रिपोर्टों के मुताबकि, चीन के भी 40 सैनिक मारे गए. हालांकि, चीन ने आज तक इन आंकड़ों पर चुप्पी साधी हुई है.

उन्होंने कहा कि बीते चार महीनों से सीमा पर घुसपैठ हो रही है. लेकिन अभी तक भारत सरकार केवल बयान ही जारी कर रही है, जबकि चीन अपने सैनिकों के साथ युद्ध की तैयारी करता दिख रहा है. उन्होंने कहा कि चीन पीएलए की टुकड़ी को न केवल पूर्वी लद्दाख बल्कि अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम की भी ओर जुटा रहा है.

एंटनी ने कहा, यहां तक कि पीएलए के सैनिक भारतीय गश्ती दल को उन इलाकों में भी गश्त करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं, जहां वह पहले गश्त किया करते थे.

पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि पीएलए सैनिकों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने में भारत की हिचकिचाहट यह जाहिर कर रही है कि 'हम चीनी आक्रामकता का सामना करने की इच्छा शक्ति नहीं दिखा रहे हैं.' वहीं भारतीय सेना ने कहा है कि वह इस तरह के किसी भी आक्रमण से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.

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एंटनी ने 2013 की उस घटना का जिक्र किया जब चीन ने डेपसांग घाटी में भी कुछ ऐसी ही हरकतों को अंजाम दिया था. लेकिन अंत में चीनी सेना को पीछे हटना पड़ा, जिसके बाद वहां दोबारा शांति बहाल की जा सकी.

गौरतलब है कि यूपीए सरकार के दौरान एंटनी तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की कैबिनेट में सबसे लंबे समय तक रक्षा मंत्री रह चुके हैं. उनका कार्यकाल सात वर्षों का रहा.

एंटनी ने भारत के सामने आ रही रक्षा चुनौतियों को लेकर संसद में एक विस्तृत बयान भी पेश किया था. एंटनी ने आर्मी, वायु सेना और नौसेना की क्षमताओं को बढ़ाने की बात कही थी. इसके लिए उन्होंने रक्षा बजट को बढ़ाने की आवश्यकता को भी स्वीकार किया था.

एंटनी की टिप्पणी पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी की टिप्पणी जैसी ही है. राहुल ने भारत-चीन लद्दाख सीमा को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा था. बता दें कि राहुल ने दोनों देशों सेनाओं की तैनाती का जिक्र करते हुए भारत-चीन के ऐतिहासिक संबंधों में आ रही कमजोरी का कई बार उल्लेख किया है.

(वरिष्ठ पत्रकार अमित अग्निहोत्री)

Last Updated : Sep 1, 2020, 1:01 PM IST

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