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सावन सोमवार : अमरनाथ गुफा में संध्या आरती, कोरोना से बचाव के लिए सतर्क दिखे भक्त - sawan at amarnath shrine

कोरोना वायरस (कोविड-19) का सामना कर रही पूरी दुनिया शारीरिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग), सेनिटाइजर और फेस मास्क का उपयोग कर इस महामारी से बचने के उपक्रम कर रही है. इसी कड़ी में भारत में अमरनाथ गुफा में भगवान शिव के हिमलिंग के दर्शन करने पहुंचे लोगों को भी कोरोना महामारी से बचने के उपाय अपनाते देखा गया. अमरनाथ गुफा में प्रतिदिन होने वाली संध्या आरती में शिव भक्तों को फेसमास्क लगाए देखा गया.

aarti at amarnath cave
अमरनाथ गुफा में आरती

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Published : Jul 20, 2020, 6:16 PM IST

नई दिल्ली : सावन की तीसरी सोमवारी को अमरनाथ गुफा में शाम की आरती पूरे विधि-विधान से की गई. इस दौरान सुरक्षाबलों के अलावा गुफा में अनुष्ठान करने वाले पुरोहित व अन्य लोग भी मौजूद रहे. गुफा में मौजूद लोगों में सुरक्षाबलों की प्रधानता रही.

दरअसल, इस वर्ष कोरोना महामारी की इस अवधि में बड़ी संख्या में लोगों के जमावड़े को रोकने के लिए सरकार ने कई तरीके की पाबंदियां लगाई हैं. जिसे देखते हुए सार्वजनिक स्थानों और बड़ी संख्या में लोगों के जुटने की जगहों पर जरूरी एहतियात बरते जा रहे हैं.

सावन के तीसरे सोमवार को अमरनाथ गुफा में संध्या आरती

गौरतलब है कि अमरनाथ गुफा में भगवान शिव हिमलिंग के रूप में विराजमान हैं. हर साल की भांति इस वर्ष की यह ऐतिहासिक तीर्थयात्रा भी कोरोना से प्रभावित हुई है. सावन के महीने में शिव की आराधना को लेकर भी लोगों की विशेष आस्था होती है. ऐसे में यात्रा को पूरी तरह स्थगित नहीं किया गया है. लोगों को जरूरी प्रमाण पत्र के साथ सीमित संख्या में यात्रा की अनुमति दी गई है.

अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी की आरती में मौजूद सेना के जवान

हिंदी कैलेंडर में सावन का महीना आमतौर से जुलाई-अगस्त में आता है. इस कालखंड में मॉनसून की बारिश और वर्षा ऋतु अपने सर्वश्रेष्ठ रूप में होती है. इस अवधि में श्रद्धालु भगवान शिव की उपासना भी करते हैं. हालांकि, इस वर्ष महामारी की चपेट में आने के कारण उपासना पद्धति में भी कई बदलाव देखे जा रहे हैं.

अमरनाथ गुफा में आरती के दौरान पुजारी

इससे पहले श्रावण मास के तीसरे सोमवार को मध्य प्रदेश के शिवालयों में भी भक्तों के पहुंचने का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो गया. उज्जैन के महाकाल मंदिर में भस्म आरती के साथ बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार किया गया.

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भगवान भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा महाकाल का विशेष श्रंगार किया गया. महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण के तीसरे सोमवार को सुबह 2:30 बजे बाबा महाकाल मंदिर के पट खोले गए, जिसके बाद बाबा का जलाभिषेक कर पंचामृत अभिषेक किया गया. जिसमें दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस से बाबा का अभिषेक किया गया और भस्मआरती भी की गई.

भस्म आरती के बाद भांग का विशेष श्रंगार कर बाबा महाकाल की आरती की गई. आज के दिन विशेष संयोग के चलते मान्यता है कि बाबा महाकाल के दर्शन करने से मन की इच्छा और कामनाएं पूरी होती हैं.

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