रांची : ईटीवी भारत की टीम की प्रयास से बसंत लाल को रांची रेल मंडल के परिचालन विभाग के अधिकारी नीरज कुमार और जिला प्रशासन के पदाधिकारियों की मदद से ठिकाना मिल गया. एक-दो दिन के अंदर बसंत लाल को बस के जरिए घर भेज दिया जाएगा. बसंत और डिप्टी कलेक्टर संजय कुमार ने ईटीवी की टीम को धन्यवाद दिया.
ईटीवी भारत के प्रयास से आखिरकार 65 वर्षीय दिव्यांग बसंत लाल को एक ठिकाना मिल ही गया. पिछले एक महीने से वह कभी पटना, कभी दरभंगा तो कभी रांची जैसे शहरों में भटक रहे थे. इनका धनबाद जिले के गोमो में घर है, लेकिन कुछ लोगों की ओर से लगातार इन्हें घर पहुंचाने की बात कहकर भटकाया जाता रहा. पटना से ट्रेन में बैठाकर बसंत को रांची भेज दिया गया और रांची में लगातार वह भटकते रहे. अपने घर जाने की जद्दोजहद में लगे रहे. इसी कड़ी में बसंत लाल रांची रेलवे स्टेशन पहुंचे थे. यह सोचकर कि किसी भी ट्रेन पकड़ कर वह गोमो तक पहुंचेंगे, लेकिन यहां भी उन्हें कुछ हाथ नहीं लगा.
असहाय को ठिकाना दिलाने का प्रयास
ईटीवी भारत की टीम की नजर जब रांची रेलवे स्टेशन पर बसंत पर पड़ी तो वह उनको ठिकाना दिलाने के प्रयास में जुटी गई, ताकि उन्हें कोई ठिकाना मिल जाए. मामले को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने लगातार कई अधिकारियों से बातचीत की. रांची रेल मंडल के परिचालन विभाग के हेड नीरज कुमार से भी चर्चा की. उन्होंने ज्यादा वक्त ना लेते हुए जिला प्रशासन के एक अधिकारी से बात की और बसंत लाल को रांची रेलवे स्टेशन से बस के जरिए खेल गांव स्थित आश्रय गृह ले जाया गया.