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ईटीवी भारत की खबर का असर- आंध्र प्रदेश की अरुणा को मिली मदद - विशाखापट्टनम की रहने वाली अरुणा

आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम की रहने वाली अरुणा अपने गर्भधारण के आठवें माह में भी परिवार का पेट पालने के लिए 15 किलो फूलों का बोझ लेकर 5 किलोमीटर जाती है. ईटीवी भारत ने अरुणा की कहानी पर एक सीरीज प्रकाशित की, जिसके बाद अरुणा की कहानी सबको पता चली और महिला आयोग ने अरुणा की मदद की.

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आंध्रप्रदेश की अरुणा

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Published : Dec 31, 2019, 5:20 PM IST

अमरावती : अरुणा आंध्र प्रदेश की रहने वाली एक ऐसी महिला की कहानी है, जो गर्भवती होने के बावजूद घर का खर्च चला रही थीं. ऐसे वक्त में ईटीवी भारत ने उनकी कठिनाई समझी और उसे दुनिया के समक्ष रखा.

अरुणा आंध्र प्रदेश के विशाखाट्टनम के बारिसिंगी के जंगल के इलाके से आती हैं. जब वह गर्भवती थीं तो उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. परिवार के लिए कमाने का जिम्मा अरुणा पर था. इसके लिए उन्हें गर्भधारण के आठवें महीने में भी 15 किलो फूलों का बोझ लेकर 5 किलोमीटर जाना पड़ता था. अरुणा की इन कठिनाइयों को ईटीवी भारत सबके सामने लेकर आया.

अरुणा की संघर्ष की कहानी.

जब इसकी खबर महिला आयोग को लगी तो उसने गांव जाकर अरुणा से मुलाकात की, जिसके बाद वे अरुणा को डिलेवरी के लिए अस्पताल ले गए. जहां डॉक्टरों ने उन्हें केजीएच विशाखापट्टनम के लिए रेफर कर दिया. उन्होंने खून की कमी के कारण डेलिवरी से मना कर दिया था. ईटीवी भारत की और मदद से अरुणा को खून डोनेट किया गया, जिसके बाद उसका सफल ऑपरेशन हो सका.

वहीं पूर्व मंत्री मणिकुमारी द्वारा अरुणा को कुछ वित्तीय सहायता भी दी गई थी. 30 नवंबर को अरुणा ने एक बच्ची को जन्म दिया. इसका नामकरण समारोह बीते रविवार को आयोजित किया गया था. परिवार ने बच्ची का नाम भारती रखा. उनका कहना था कि अगर बेटा पैदा होता तो वे उसका नाम भारत रखते.

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