भोपाल। पीएम मोदी के आर्थिक पैकेज की घोषणा के तीन दिन बाद केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने ईटीवी भारत से बातचीत की, जिसमें उन्होंने औद्योगिक क्षेत्र में भविष्य की संभावनाओं पर बात की, पेश है साक्षात्कार के कुछ अंश.
सवाल- आर्थिक पैकेज की घोषणा के बाद अब सबकी नजरें उद्योगों की तरफ है, आखिर कब खुलेंगे उद्योग धंधे?
जवाब- 12 मई को पीएम मोदी ने राहत पैकेज की घोषणा की है, विशेषकर पूरे देश और दुनिया में जो प्रयास किए जा सकते हैं, वो किए जा रहे हैं. ये पहला अनुभव है कि पीएम मोदी हमेशा देश को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर देते रहे हैं. आर्थिक क्षेत्र में उद्योग ऐसा क्षेत्र है, जोकि आर्थिक दृष्टि से देश के विकास में बहुत बड़ा योगदान है. जिसमें स्टील क्षेत्र सबसे खास है. 2030-31 तक करीब 300 मिलियन टन का लक्ष्य था, उसे पूरा करने की हमारी मंत्रालय ने तैयारी की और हम धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे थे.
फरवरी और मार्च तक हमारी उद्योग की स्थिति बहुत अच्छी रही, लेकिन कोरोना से सारे उद्योग और पूरा देश प्रभावित हुआ है, एमएसएमई के सेक्टर भी प्रभावित हुए हैं, पीएम मोदी ने एमएसएमई के जरिए युवाओं को रोजगार देने की बात कही थी, आज दुख इस बात का है कि कोरोना से पूरा उद्योग जगत, देश और उद्योग धंधे पूरी तरह प्रभावित हुए हैं. हमे अपने मैन पॉवर जो उद्योग धंधे थे, वो बंद करने पड़े.
हमारी जो स्टील क्षेत्र में सेल हैं, उनको हमने 50 प्रतिशत मैन पॉवर कम करने के बाद शुरु किया. 30 अप्रैल के बाद उनको शुरु किया है. आज हम अपनी अपेक्षाओं के हिसाब से उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन ये प्रक्रिया लगातार जारी है. दुनिया और देश में जो हालात हैं, इस संकट से उबरने के लिए भारत आवश्यकता की अनुकूलता से आगे बढ़ रहे हैं, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस्पात और रेलवे के क्षेत्र में आवश्यकता के हिसाब से प्राथमिकता दे रहे हैं. इस संकट से उबरने में हम आगे बढ़ेंगे.
सवाल- केंद्र द्वारा दिए गए पैकेज से स्टील इंडस्ट्री और एमएसएमई को शुरु करने में कितना वक्त लगेगा. क्या ये राशि पर्याप्त है.
जवाब- एमएसएमई सेक्टर और दूसरे प्राइवेट-गवर्मेंट सेक्टर के उद्योगों को 20 अप्रैल से शुरु करने का विचार है, दूसरे राज्यों को मंत्रियों से बात कर उन्हें प्रेरित भी किया है. कई जगहों पर काम शुरु हो गया है. मजदूरों के अपने राज्यों के वापस जाने से उद्योगों में कठिनाई जरुर आई है, लेकिन दूसरे कई 60-70 प्रतिशत एमएसएमई उद्योग शुरु हुए हैं.