श्रीनगर : पुलवामा जिले के त्राल के अंतर्गत चेवा उल्लार इलाके में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच 12 घंटों से भी अधिक समय तक चली मुठभेड़ में तीन आतंकी मारे गए.
इस सफल ऑपरेशन के साथ ही त्राल क्षेत्र में हिजबुल मुजाहिदीन की मौजूदगी समाप्त हो गई है. 1989 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है. आईजीपी के हवाले से कश्मीर ज़ोन पुलिस ने यह जानकारी दी.
सेना और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ खत्म अधिकारियों ने बताया कि तीनों आतंकवादी स्थानीय युवक हैं, जो हाल ही में आतंकी गतिविधियों में शामिल हुए हैं. उन्होंने बताया कि वह सभी त्राल क्षेत्र के थे.
इस संबंध में पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर) विजय कुमार ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि पुलवामा में चल रहे एक ऑपरेशन के दौरान तीनों आतंकवादी मारे गए. दो सुरक्षाकर्मियों को भी मामूली चोटें आई हैं.
विजय कुमार ने कहा कि सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम ने क्षेत्र में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद एक तलाशी अभियान शुरू किया. छिपे हुए आतंकियों ने गोलीबारी की, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई की गई. मारे गए उग्रवादियों की पहचान का पुलिस पता लगा रही है. यह जून में दक्षिण कश्मीर में 12वीं बार हुई गोलाबारी है, जिसमें अब तक 33 आतंकवादी मारे गए हैं.
इससे पहले गुरुवार को सोपोर में हुई एक अन्य मुठभेड़ में भी सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया था. गुरुवार को ही मिली एक अन्य कामयाबी में सुरक्षाबलों ने बडगाम में टेरर मॉड्यूल का भंडाफोड़ कर आतंकियों के पांच सहयोगियों को गिरफ्तार किया था.
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गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में तैनात सुरक्षाबल आतंकियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहे हैं. बीते 17 जून को डीआईजी दिलबाग सिंह ने बताया था कि कश्मीर घाटी में सुरक्षा माहौल को बेहतर बनाने के लिए आतंकवादियों के खिलाफ चल रहे अभियान तेज कर दिए गए हैं. उन्होंने बताया था कि पिछले 17 दिनों में 27 आतंकवादी मारे गए हैं.