शिमला :जिला लाहौल-स्पीति की सड़कों पर जल्द इलेक्ट्रिक बसें दौड़ेंगी. हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के कुल्लू डिपो ने इलेक्ट्रिक बस का मनाली से केलांग सड़क पर सफल ट्रायल किया. एचआरटीसी के इस कदम से लाहौल-स्पीति के वायु प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी.
लाहौल स्पीति में लगातार पर्यावरण बदलाव का बड़ा असर देखने को मिल रहा है. पर्यावरण में लगातार हो रहे बदलाव के कारण यहां ग्लेशियर कई किलोमीटर पिघल रहे हैं. इसका असर जलवायु भी पड़ रहा है.
बता दें कि एचआरटीसी कुल्लू डिपो प्रदेश का पहला ऐसा डिपो है, जिसने सबसे पहले प्रदेश में इलेक्ट्रिक बसों को चलाया था. ऐसे में अटल टनल रोहतांग बनने के बाद अब लाहौल-स्पीति के लोगों को इसका फायदा मिलेगा.
एचआरटीसी भी अब अटल टनल से होते हुए लाहौल की सड़कों पर इलेक्ट्रिक बसों को दौड़ाने की योजना पर काम कर रही है. इससे पहले लाहौल में तीन इलेक्ट्रिक वैन ही चलती थी. इलेक्ट्रिक बसों से प्रदूषण नहीं होता और इनका मरम्मत चार्ज भी ज्यादा नहीं है.
एचआरटीसी प्रबंधन अब लाहौल के लिए इलेक्ट्रिक बसों को दौड़ा कर डीजल की गाड़ियों पर होने वाले खर्चे को कम करना चाहता है. वहीं आमदनी को भी बढ़ाने का प्रयास कर रहा है. एचआरटीसी प्रबंधन ने एनजीटी के आदेश पर कुछ बसों को विशेष तौर पर रोहतांग दर्रे के लिए खरीदा था.
पढ़ें - वायु प्रदूषण रोकने के लिए खूबसूरत कारों के बजाय चलाएं साइकिल : सीजेआई
इन इलेक्ट्रिक बसों को विशेष तौर पर मनाली से रोहतांग दर्रे के रूट पर चलाया गया था. एचआरटीसी केलांग डिपो के आरएम मंगल चंद मनेपा ने बताया कि लाहौल के लिए इलेक्ट्रिक बस का ट्रायल सफल रहा है.