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800 वर्षों में पहली बार गरीब नवाज की दरगाह में नहीं हुई ईद की नमाज - first time in 800 years in ajmer

विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह, जहां ईद-उल-फित्र के मौके पर शाहजनी मस्जिद में नमाज अदा करने के बाद एक दूसरे को बधाई दी जाती है. वहीं ईद के मौके पर अल सुबह 4 बजे जन्नती दरवाजा भी खोल दिया जाता है, जहां जायरीनों की जन्नती दरवाजे में से गुजरने को लेकर होड़ सी मची रहती है. लेकिन 800 साल में पहली बार ऐसा हुआ है कि दरगाह शरीफ में न तो कोई बंदा है और न ही कोई जायरीन. पहली बार जन्नती दरवाजे में से कोई भी जायरीन प्रवेश नहीं कर पाया और न ही इस बार ईद की नमाज अदा की गई.

ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह
ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह

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Published : May 25, 2020, 8:45 PM IST

Updated : May 25, 2020, 9:08 PM IST

जयपुर : देशभर में कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन के बीच ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह शरीफ में आम जायरीनों के प्रवेश पर हाल-फिलहाल रोक लगी हुई है, जिसके कारण कोई भी जायरीन दरगाह शरीफ में प्रवेश नहीं कर सकता.

हालांकि ईद-उल-फितर के मौके पर दरगाह शरीफ में निभाई जाने वाली रस्में तो खादिम समुदाय द्वारा निभाई जा रही हैं. लेकिन जन्नती दरवाजा, जो साल में केवल चार बार ही खोला जाता है, और जिसमें से जायरीनों की निकलने की चाहत रहती है. इस बार उस दरवाजे से कोई भी जायरीन नहीं निकल पाया. 800 वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ, जब कोई भी जायरीन जन्नती दरवाजे से प्रवेश नहीं कर पाया.

इस महामारी के बीच पहली बार ऐसा हुआ है, जब विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के बाहर किसी तरह की चहल-पहल नजर नहीं आ रही. न ही दुकानें खुली हैं और न ही दरगाह में कोई भी जायरीन नजर आ रहा है. केवल खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान और खादिमों द्वारा ईद की रस्मों को अदा किया जा रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

वहीं बात करें पहले की तो दरगाह शरीफ का नजारा कुछ और ही होता था. जहां सुबह से ही लोगों की चहल-पहल होना शुरू हो जाती थी और सुबह नौ बजे शाहजानी मस्जिद में ईद की नमाज अदा की जाती थी. नमाज मौलाना तौसीफ अहमद सिद्दीकी की सदारत में होती थी.

पढ़ें- पूरे देश में मनाई जा रही ईद, पीएम मोदी ने दी बधाई

इन मौकों पर खुलता है जन्नती दरवाजा
ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में साल में 4 बार ही जन्नती दरवाजा खोला जाता है, जो ईद-उल-फितर, ईद-उल-जुहा ,ख्वाजा उस्मान हारुनी का उर्स और ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स में ही खोला जाता है. कोई ऐसा कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति हज पर नहीं जा पाया, वह ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में अपनी हाजिरी को लगाता है और ईद के मौके पर देश-विदेश से ख्वाजा गरीब नवाज के शहर अजमेर में जायरीनों आवक भी बढ़ जाती है.

लेकिन देश में इस महामारी के बीच पहली बार ऐसा हुआ है कि यहां कोई भी जायरीन इस बार अजमेर नहीं आ पाया. ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह को लॉकडाउन के चलते बंद किया जा चुका है.

Last Updated : May 25, 2020, 9:08 PM IST

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