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ED के समक्ष पेश हुए राज ठाकरे , धारा 144 लागू - राज ठाकरे ईडी के समक्ष होंगे पेश.

एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे अब से कुछ ही देर में प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश हुए. इससे पूर्व मुंबई के चार थाना क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी गई.

राज ठाकरे

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Published : Aug 22, 2019, 10:58 AM IST

Updated : Sep 27, 2019, 8:52 PM IST

मुंबई: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) चीफ राज ठाकरे को प्रवर्तन निदेशालय का नोटिस दिए जाने के बाद पुलिस और प्रशासन हरकत में है. राज ठाकरे आज ईडी के दफ्तर में पेश हुए. ऐसे में एमएनएस कार्यकर्ता किसी तरह का हंगामा न करें, इसे लेकर पुलिस चौकन्नी है. पुलिस ने एहतियात के तौर पर पार्टी के नेता संदीप देशपांडे सहित कई एमएनएस कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया.

संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस ने मरीन ड्राइव, एमआरए मार्ग, दादर और आजाद मैदान के आसपास के क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी .

संदीप देशपांडे को लेकर जाती मुंबई पुलिस


राज ठाकरे के ईडी कार्यालय पहुंचने से पहले मनसे नेताओं को हिरासत में लिया गया
मनसे प्रमुख राज ठाकरे को धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश होना है जिसे देखते हुए मुंबई पुलिस ने गुरुवार को दक्षिण मुंबई में ईडी कार्यालय के बाहर आपराधिक दंड संहिता की धारा 144 (गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने पर प्रतिबंध) लगा दी.

मुंबई के कई इलाकों में धारा 144 लागू

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह कदम कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है. अधिकारी ने कहा, 'राज ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से ईडी कार्यालय के बाहर एकत्र नहीं होने की अपील की है, लेकिन हम कोई भी जोखिम नहीं लेना चाहते हैं.'

अधिकारी ने कहा कि ठाकरे को ईएल एंड एफएस जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए सुबह करीब साढ़े बजे बल्लार्ड पियर स्थित ईडी कार्यालय में पेश होना है.

इस बीच, मनसे नेता संदीप देशपांडे को गुरुवार की सुबह पुलिस ने हिरासत में ले लिया. अधिकारी ने बताया, 'हमने माता रमाबाई अंबेडकर मार्ग पुलिस थाना के अधिकार क्षेत्र में धारा 144 लागू की है जहां ईडी कार्यालय स्थित है.'

उन्होंने कहा कि धारा 144 के तहत चार से अधिक व्यक्तियों को उस इलाके में एक जगह इकट्ठा होने पर प्रतिबंध होता है, जहां शांति भंग होने की आशंका रहती है.

अधिकारी ने कहा कि मनसे प्रमुख के वहां पहुंचने से पहले ईडी कार्यालय के बाहर भीड़ जमा होने की आशंका को देखते हुए, एजेंसी कार्यालय के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.

उन्होंने कहा कि मध्य मुंबई के दादर क्षेत्र और अन्य स्थानों पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है.

गौरतलब है कि मध्य मुंबई के दादर क्षेत्र को मनसे का गढ़ कहा जाता है. अधिकारी ने बताया कि मुंबई पुलिस ने बुधवार को एहतियातन कदम के तौर पर सीआरपीसी की धारा 149 के तहत मनसे के पदाधिकारियों और कई पार्टी कार्यकर्ताओं को नोटिस दिए. धारा 149 संज्ञेय अपराधों की रोकथाम से संबंधित है.

ईडी कोहिनूर सीटीएनएल इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी में ईएल एंड एफएस द्वारा किए गए 450 करोड़ रुपये से अधिक के इक्विटी निवेश और ऋण में कथित अनियमितताओं की जांच कर रहा है. कंपनी मुंबई के दादर क्षेत्र में कोहिनूर स्क्वायर टॉवर बना रही है.

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महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना के वरिष्ठ नेता मनोहर जोशी के बेटे उन्मेष जोशी को भी इस मामले में ईडी ने तलब किया है.

बता दें कि कोहिनूर सीटीएनएल इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी में आईएल ऐंड एफएस द्वारा 450 करोड़ रुपये की इक्विटी निवेश और कर्ज से जुड़ी कथित अनियमियतताओं की जांच के सिलसिले में ईडी ने राज ठाकरे को नोटिस जारी किया है.

जानकारी के लिए बता दें कि, ईडी ने रियल्टी फर्म कोहिनूर सीटीएनएल में उनके पूर्व कारोबारी साझेदार ठाकरे को 22 अगस्त को ईडी के सामने पेश होने को कहा गया था.

प्रवर्तन निदेशालय आईएलएंडएफ का कर्ज और जोशी के स्वामित्व वाली कंपनी कोहिनूर सीटीएनएल में 850 करोड़ रुपये के निवेश मामले में कथित अनियमितताओं की जांच कर रहा है. यह कंपनी दादर पश्चिम स्थित कोहिनूर स्क्वे यर टॉवर का निर्माण कर रही है.

ईडी ने आईएल एंड एफएस से संबंधित एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ठाकरे के अलावा उनके कारोबारी सहयोगी रहे शिवसेना नेता और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मनोहर जोशी के बेटे उन्मेश जोशी को भी नोटिस जारी किया था.

जोशी की कंपनी और उसके निवेश पहले से ही सवालों के घेरे में हैं क्योंकि यह लगभग 135 करोड़ रुपये के आईएल एंड एफएस के प्रमुख डिफॉल्टरों में से है. उन्मेश जोशी, ठाकरे और उनके सहयोगी द्वारा यह एक दशक पहले लॉन्च की गई थी. उनकी 421 करोड़ रुपये में विवादास्पद कोहिनूर मिल्स नंबर-3 खरीदने की योजना थी.

आईएल एंड एफएस ने 2008 में अचानक कथित तौर पर इस सौदे से हाथ पीछे खींच लिए और महज 90 करोड़ रुपये में अपने शेयरों को बेच दिया. इससे बड़ा नुकसान हुआ और बाद में ठाकरे भी अपने शेयर बेचने के बाद इससे बाहर निकल गए.

जोशी का कोहिनूर समूह उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी द्वारा स्थापित किया गया था. यह पहले कोहिनूर सीटीएनएल को नियंत्रित करता था.

Last Updated : Sep 27, 2019, 8:52 PM IST

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