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'डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से अर्थव्यवस्था और पर्यावरण दोनों को लाभ मिलेगा'

डीएफसीसी पर रेल सेवा शुरू होने के बाद ट्रेनों के परिचालन से देश की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण दोनों को लाभ मिलेगा. विस्तृत जानकारी के लिए ईटीवी भारत ने डीएफसीसी के जीएम ऑपरेशन वेद प्रकाश से खास बातचीत की.

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Published : Jun 21, 2020, 8:41 PM IST

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डीएफसीसी के जीएम ऑपरेशन वेद प्रकाश

नई दिल्ली : डीएफसीसी (डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर) पर रेल सेवा शुरू होने के बाद ट्रेनों के परिचालन समय में सुधार होने जा रहा है. इससे देश की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण दोनों को लाभ मिलेगा. जिन सामानों को सड़क मार्ग से कहीं पहुंचाने में 12 से 15 घंटे लगते हैं. वहीं डीएफसीसी पर परिचालन शुरू होने के बाद उसे आधे समय में पहुंचाया जा सकता है.

दूसरी बड़ी राहत पर्यावरण को मिलने वाली है. क्योंकि मालगाड़ी के एक रेक में 1300 ट्रक के बराबर सामानों को लोड किया जा सकता है. इससे वायु प्रदूषण से राहत मिलेगी जिससे अभी पूरी दुनिया सबसे ज्यादा जूझ रही है. ऐसे ही तमाम मुद्दों पर विस्तृत जानकारी के लिए ईटीवी भारत ने डीएफसीसी के जीएम ऑपरेशन वेद प्रकाश से बातचीत की.

ईटीवी भारत ने डीएफसीसी के जीएम ऑपरेशन वेद प्रकाश से खास बातचीत की.

डीएफसीसी के जीएम वेद प्रकाश का कहना है कि डीएफसीसी के कुछ रेलखंडों पर मालगाड़ियों का परिचालन शुरू हो चुका है. बाकी बचे रेलखंड पर निर्माण कार्य पूरा होने के बाद रेल सेवा पूरी तरह से शुरू की है जिसमे करीब चार साल का वक्त लगेगा.

अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती

वेद प्रकाश ने कहा कि देश के चारों महानगर यानि दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई और कोलकाता को इससे जोड़ा जा रहा है. इससे सामानों को एक से दूसरी जगह तक पहुंचाने में काफी सहायता मिलेगी. अभी एक ही ट्रैक पर पैसेंजर और मालगाड़ियां दोनों का परिचालन होता है. लेकिन डीएफसीसी के बन जाने के बाद जब मालगड़ियों के लिए अलग से ट्रैक मिल जाएगा तो माल ढुलाई का व्यापार इधर बढ़ेगा, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. अभी तक के अनुमान मुताबिक करीब 58 प्रतिशत राजस्व इसी से आने लगेगा.

पर्यावरण को मिलेगा बढ़ावा

वेद प्रकाश ने कहा कि मालगाड़ी के एक रेक (पूरी ट्रेन) में 1300 ट्रक के बराबर सामानों को लोड किया जा सकता है. इससे सड़क ट्रैफिक पर लोड कम होने के साथ वायु प्रदूषण से भी राहत मिलेगी. एक अध्ययन के मुताबिक 28 प्रतिशत प्रदूषण सिर्फ वाहनों से फैलते हैं. जिनमें 9 प्रतिशत हिस्सा सिर्फ ट्रक और ट्रैक्टर से फैलता है. बाकी दोपहिया वाहनों से 7 प्रतिशत, तीन पहिया वाहनों से 5 प्रतिशत चार पहिया वाहनों और बसों से तीन-तीन प्रतिशत प्रदूषण फैलता है. ऐसे में डीएफसीसी से माल ढुलाई होने पर ट्रक का लोड सड़कों से कम हो जाएगा. जिससे ट्रैफिक और पर्यावरण दोनों को फायदा होने वाला है.

पैसेंजर ट्रेनों की बढ़ेगी स्पीड

वेद प्रकाश ने कहा कि मालगाड़ियों के लिए अलग से ट्रैक बन जाने के बाद पैसेंजर ट्रेनों की स्पीड बढ़ जाएगी. साथ ही अभी की तुलना में ट्रेनें समय पर चलने लगेंगी. अभी कई बार एक ट्रेन को निकालने के लिए दूसरी ट्रेन को रोकना पड़ता है. जिससे ट्रेनें अपनी मंजिल तक समय पर नहीं पहुंच पाती हैं.

ट्रैक के किनारे हरियाली बढ़ाने के लिए उगाई जा रही है घास

जीएम ऑपरेशन वेदप्रकाश ने कहा कि आमतौर पर रेल ट्रैक के दोनों किनारे बने स्लोप पर जंगल खुद उग आते हैं. लेकिन मानसून नजदीक है, इसलिए हम यहां घास उगा रहे हैं. ताकि घास मिट्टी को पकड़ ले और बारिश होने पर उसका कटाव न हो सके. कई बार मिट्टी कटने से रेल सेवा बाधित हो जाती है.

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