नई दिल्ली : निर्वाचन आयोग ने जम्मू एवं कश्मीर के उपराज्यपाल जी सी मुर्मू के द्वारा केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव के समय को लेकर मीडिया में दिए कथित बयानों पर 'आपत्ति' जताते हुए मंगलवार को कहा कि संवैधानिक प्रावधानों में चुनावों का समय आदि तय करने के लिए केवल चुनाव आयोग ही अधिकृत है.
मीडिया में छपे मुर्मू के बयानों को संज्ञान में लेते हुए आयोग ने इस पर आपत्ति जतायी और उपराज्यपाल को याद दिलाया कि संवैधानिक प्रावधानों में चुनावों का समय आदि तय करना भारत के चुनाव आयोग का एकमात्रअधिकार है. साथ ही आयोग ने गत वर्ष नवम्बर और इस साल जून में भी इस संबंध में मुर्मू द्वारा गए बयान का जिक्र किया.
आयोग ने अपने बयान में कहा, 'चुनाव आयोग के अलावा अन्य अधिकारियों के लिए इस तरह के बयान देने से परहेज करना उचित होगा. इस प्रकार के बयान चुनाव आयोग को मिले संवैधानिक अधिकारों में वस्तुत: हस्तक्षेप करने के समान हैं.'
आयोग ने कहा कि चुनाव का समय तय करने से पहले वह चुनाव वाले इलाके में वहां की भौगोलिक स्थिति, मौसम और क्षेत्रीय तथा स्थानीय उत्सवों से उत्पन्न होने वाली संवेदनशीलता सहित सभी प्रासंगिक कारकों को ध्यान में रखता है.
आयोग ने कहा, 'उदाहरण के तौर पर कोविड-19 के मौजूदा समय, जिसने एक नये बदले हुए हालात पैदा कर दिये हैं तथा नियत समय पर विचार करते समय इस पर भी ध्यान रखा जाना चाहिए. मौजूद मामले में परिसीमन के नतीजे को भी निर्णय लेते वक्त ध्यान में रखना समुचित होगा.'
आयोग ने ध्यान दिलाया कि केंद्रीय पुलिस बलों (सीपीएफ) की उपलब्धता और उनके परिवहन के लिए रेलवे के कोच होना भी ऐसे महत्वपूर्ण कारक हैं जिन पर निर्णय करते समय ध्यान देना होगा.
आयोग ने कहा, 'यह सब आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सावधानीपूर्वक सोच-विचार के बाद किया जाता है और संबंधित अधिकारियों के साथ गहन परामर्श के बाद विस्तृत आकलन किया जाता है.'