नई दिल्ली: भारतीय चुनाव आयोग ने आज हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा के आगामी चुनावों के लिए पर्यवेक्षकों के साथ ब्रीफिंग का आयोजन किया.
भारतीय राजस्व सेवा के साथ साथ कुछ अन्य केंद्रीय सेवाओं जैसे आईएएस, आईपीएस के लगभग 500 अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया.इन अधिकारियों को आगामी विधान सभा चुनावों के लिए जनरल, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षकों के रूप में तैनात किया जा रहा है.
पर्यवेक्षकों को उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने पारदर्शी, सहभागितापूर्ण और मतदाता अनुकूल तरीके से चुनाव कराने पर जोर दिया, उन्होंने विकलांगों और वरिष्ठ नागरिकों की सहायता की बात भी कही.
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उन्होंने कहा कि पर्यवेक्षकों को ईसीआई के नियमों और मानक संचालन प्रक्रियाओं का कड़ाई से पालन करना है, अरोड़ा ने कहा कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि चुनाव के दौरान कोई गलती न हो. अरोड़ा ने चेतावनी देते हुए कहा कि कई बार छोटी-छोटी गलतियां बड़ी खबर बन जाती हैं.
उन्होंने कहा कि ईसीआई द्वारा नियुक्त किए गए पर्यवेक्षकों को फील्ड स्तर पर सतर्क, निष्पक्ष और उत्तरदायी होने की आवश्यकता है.
चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र राज्य के लिए दो विशेष व्यय पर्यवेक्षकों को भी नियुक्त किया है. जिनमें मधु महाजन (पूर्व आईआरएस 1982), जिन्हें आयकर विभाग की जांच विंग में अपने पिछले अनुभव को देखते हुए हाल के लोकसभा चुनावों में तमिलनाडु के लिए विशेष व्यय पर्यवेक्षक नियुक्त किया था और बी मुरली कुमार (पूर्व IRS 1983) जिन्हें लोकसभा चुनावों के दौरान 8-वेल्लोर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के लिए विशेष व्यय पर्यवेक्षक भी नियुक्त किया जा चुका है, शामिल हैं.
उन्होंने अधिकारियों को जमीनी स्तर पर चुनाव के सुचारू संचालन के संबंध में सभी विस्तृत विवरणों का अवलोकन करने का आदेश दिया - चाहे वह मतदान केंद्रों पर न्यूनतम सुविधाएं हों या इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के लिए मॉक पोल आदि की निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करना हो या प्रवर्तन.
उन्होंने व्यय दिशानिर्देश और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए सभी एजेंसियों को तालमेल बनाकर काम करने के निर्देश दिए.