नई दिल्ली: कैलाश मानसरोवर की यात्रा प्रारंभ हो गई है. विदेश मंत्री डॉक्टर सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू भवन में उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे से होकर जाने वाले यात्रियों के पहले जत्थे को शुभकामनाओं के साथ विदाई दी.
उन्होंने कहा कि इस यात्रा के आयोजन में चीन सरकार के सहयोग का जिक्र करना चाहेंगे. यह आपसी रिश्तों को बेहतर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
श्रद्धालुओं के साथ विदेश मंत्री बता दें कि उत्तराखंड के व्यास घाटी से होकर गुजरने वाली ऐतिहासिक कैलाश मानसरोवर यात्रा 12 जून से शुरू हो रही है.
एस जयशंकर (विदेश मंत्री) कैलाश मानसरोवर जाने वाले यात्रियों के साथ. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मौके पर यात्रियों को शुभकामनाएं दी.
बता दें कि लिपुलेख दर्रा (उत्तराखंड) के रास्ते प्रति व्यक्ति करीब 1.8 लाख रुपये खर्च होगा. यहां यात्रियों को कुछ दुर्गम पद यात्रा करना पड़ेगा.
दूसरी तरफ कैलाश मानसरोवर जाने के लिए दूसरा रास्ता नाथू ला दर्रे (सिक्किम) है. यह रास्ता बुजुर्गों के लिए ठीक है जो कठिन चढ़ाई नहीं कर सकते हैं. जानकारी के मुताबिक इस आसान रास्ते से जाने के लिए प्रति व्यक्ति को ढाई लाख रुपये खर्च करने होंगे.
पढ़ें:राहुल बोले- मूर्खतापूर्ण ढंग से व्यवहार कर रहे हैं योगी आदित्यनाथ
बता दें कि लिपुलेख दर्रे से होकर 60 यात्रियों के 18 जत्थे जाएंगे जबकि सिक्किम में नाथूला दर्रे से होकर 50 यात्रियों के 10 जत्थे जाएंगे. मंगलवार को रवाना हुए जत्थे में 57 यात्री एवं दो संपर्क अधिकारी गये हैं.
एस जयशंकर ने अपने कैलाश यात्रा की तस्वीर साझा की. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्विटर पर अपने कैलाश मानसरोवर यात्रा की तस्वीर को शेयर किया है. यह तस्वीर माउंट कैलाश की है.