हैदराबाद : बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. हिन्दू धार्मिक कथाओं के अनुसार विजय दशमी के दिन ही भगवान श्री राम ने लंकापति रावण का संहार किया था. परंपरा अनुसार विजयदशमी को गोधुली बेला में देशभर में दशानन के पुतलों का दहन किया जाता है.
पंचांग और पंडितों के मुताबिक आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को हर वर्ष दशहरा या विजयादशमी का त्योहार मनाया जाता है. इस वर्ष आश्विन शुक्ल दशमी तिथि का प्रारंभ 25 अक्टूबर को सुबह 7 बजकर 41 मिनट पर हो रहा है, जो 26 अक्टूबर की सुबह 9 बजे तक है. पंचांग में बताए गए मुहूर्त के मुताबिक 25 अक्टूबर को विजयादशमी का त्योहार मनाया जाएगा.
एक नजर रावण दहन के मुहूर्त पर
- अभिजित मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 43 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक
- विजय मुहूर्त- दोपहर 2 बजकर 05 मिनट से दोपहर 2 बजकर 52 मिनट तक
- अमृत काल मुहूर्त- शाम 6 बजकर 44 मिनट से रात 8 बजकर 27 मिनट तक
विजयादशमी का महत्व
भगवान श्रीराम ने माता सीता को रावण के चंगुल से मुक्त कराने के लिए लंका दहन की थी. रावण की राक्षसी सेना और श्रीराम की वानर सेना के बीच भयंकर युद्ध हुआ था, जिसमें रावण, मेघनाद, कुंभकर्ण जैसे सभी राक्षस मारे गए. रावण पर भगवान राम के विजय की खुशी में हर साल दशहरा मनाया जाता है.
वहीं, मां दुर्गा ने महिषासुर का अंत कर देवताओं और मनुष्यों को उसके अत्याचार से मुक्ति दी थी. इसलिए बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा मनाया जाता है. श्री राम का लंका विजय और मां दुर्गा का महिषासुर मर्दिनी अवतार दशमी को हुआ था, इसलिए इसे विजयादशमी भी कहा जाता है. लेकिन इस बार कोरोना की वजह से विजयादशमी को लेकर सरकार ने गाइडलाइन जारी की है. इन गाइडलाइन का पालन करते हुए विजयादशमी मनाया जाएगा.
नेताओं ने दी देशवासियों को शुभकामनाएं
यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू सहित तमाम बड़े नेताओं ने देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं.
उन्होंने त्यौहार से राष्ट्र में शांति, सद्भाव और समृद्धि लाने की कामना करते हुए देश की जनता से कोरोना महामारी के कारण जरूरी सावधानियों भी बरतने की अपील की. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि यह पर्व अधर्म पर धर्म और असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है और पूरे भारत में इसे अलग-अलग रूपों में मनाया जाता है. भारत की सांस्कृतिक एकता को मजबूत करने वाला यह पर्व हमें एक दूसरे के साथ मिल-जुलकर रहने, सदाचार के मार्ग पर चलने और बुराइयों से बचने का संदेश देता है. यह पर्व मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जीवन से भी जुड़ा है. उनके जीवन से हमें नैतिकता और मर्यादा के पालन का संदेश भी मिलता है.
राष्ट्रपति ने कहा, मेरी कामना है कि हर्ष और उल्लास का पर्व दशहरा, देशवासियों को महामारी के प्रभाव से बचाकर देश में खुशहाली और समृद्धि लाए.
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि देशभर में बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाने वाला, दशहरा पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और देवी दुर्गा द्वारा महिषासुर के रूप में समाज की कुवृत्तियों के विनाश का उत्सव है. यह त्योहार हमें भगवान राम के मयार्दापूर्ण जीवन की याद दिलाता है, वे एक आदर्श पुत्र, आदर्श पति और आदर्श राजा हैं और धर्म, सत्य, न्याय और नैतिकता के प्रतीक हैं.
उन्होंने कहा, दशहरा, परिजनों और स्वजनों से मिलने और उत्सव मनाने का अवसर होता है. लेकिन इस साल, कोविड 19 वैश्विक महामारी के कारण, मैं सभी नागरिकों से यह आग्रह करता हूं कि वे स्वास्थ्य और स्वच्छता प्रोटोकॉल और निर्देश का सख्ती से पालन करते हुए दशहरे को पारंपरिक श्रद्धा के साथ सादगी से मनाएं. यह त्योहार राष्ट्र में शांति, सद्भाव और समृद्धि लाए.
वहीं, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा नें केंद्रशासित प्रदेश की जनता को महानवमी और दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं दीं.