नई दिल्ली : एस एन बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंसेज के निदेशक ने कहा कि छिद्रयुक्त श्वासयंत्र लगे एन-95 मास्क पहनने के खिलाफ केंद्र सरकार द्वारा चेतावनी जारी करने के बाद मास्क के डिजाइन में बदलाव किया जाएगा.
यह संस्थान विज्ञान एवं तकनीक विभाग (डीएसटी) के तहत आता है. संस्थान ने एक ऐसा मास्क विकसित किया है जिसमें सांस छोड़ते समय बाहर आने वाली हवा को बाहर निकालने और धूलकण को रोककर आरामदायक और स्वच्छ हवा में सांस लेने वाला फिल्टर लगा हुआ है.
विज्ञान एवं तकनीक मंत्रालय ने कहा कि यह मास्क कार्बन डाइऑक्साइड के सांस में चले जाने संबंधी समस्या, मास्क के भीतर पसीने और गर्मी में सांस लेने की समस्या के समाधान करने के लिए नवोन्मेषी कदम है. इससे लोग मास्क लगाकर आरामदायक तरीके से बात कर सकते हैं और उनकी आवाज भी स्पष्ट आएगी, लेकिन इससे वायरस के खिलाफ कम ही बचाव होता है.
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संस्था के निदेशक समीत कुमार राय ने कहा, हम इसके अनुसार ही बदलाव करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि इससे वायरस से पर्याप्त बचाव हो सके.