मानव रहित हवाई वाहन, जिन्हें आमतौर पर ड्रोन कहा जाता है, सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहे हैं. सऊदी अरब की तेल रिफाइनरियों पर हुए ड्रोन हमले ने दुनिया को चौंका दिया. हाल ही में, पाकिस्तान द्वारा पंजाब में ड्रोन से राइफलें और गोला बारूद गिराए गये. वर्तमान परिदृश्य में, जहां असामाजिक तत्व नवीनतम तकनीक से लैस हैं, वहां विभिन्न देश अपने क्षेत्रों की रक्षा कैसे करेंगे, यह एक बहुत बड़ा सवाल है.
सशस्त्र बल ड्रोन के सबसे बड़े उपभोक्ता हैं. लेकिन नागरिकों के बीच ड्रोन का उपयोग भी बढ़ रहा है. आम लोग ड्रोन का उपयोग फिल्म वृत्तचित्रों, शादियों और अन्य समारोहों में कर रहे हैं.
अनुमान है कि भारत में लगभग छह लाख धूर्त ड्रोन हैं. दुनिया भर में, 2021 तक ड्रोन बाजार के 2200 करोड़ अमरीकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है और भारतीय ड्रोन उद्योग के 88.6 करोड़ अमरीकी डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है.
हालांकि सरकारों ने धूर्त ड्रोनों पर नज़र रखने के लिए रडार सिस्टम को नियोजित किया है, लेकिन प्रभावी रूप से पता लगाने में विफलता हाथ लगी है. सऊदी अरब में तेल रिफाइनरियों पर हुए हमलों और ड्रोन के माध्यम से संयुक्त राज्य अमेरिका में सूचना की चोरी खराब सुरक्षा प्रबंधों की ओर इशारा करती है.
ऐसी शिकायतें हैं कि चीन कई विशेष रूप से निर्मित ड्रोन की मदद से अवैध तरीकों से जानकारी एकत्र कर रहा है. चूंकि चीनी ड्रोन सस्ते दाम पर उपलब्ध हैं, इसलिए उनकी मांग बढ़ी है. दुनिया भर में इस्तेमाल होने वाले 70 प्रतिशत ड्रोन का उत्पादन चीन में होता है.
भारत में, ड्रोन का उपयोग केवल निजी अवसरों तक ही सीमित है. ड्रोन केवल वृत्तचित्रों को फिल्माने और सरकारी सर्वेक्षणों में नियोजित किया जा सकता है. पिछले दिसंबर में नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इस नियम में संशोधन किया है. यह वाणिज्यिक ड्रोनों के परे दृश्य रेखा (बीवीएलओएस) के विस्तार की संभावना पर भी विचार कर रहा है.
कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन का उपयोग करके, किसानों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव को कम किया जा सकता है. ड्रोन का उपयोग आपात स्थिति के दौरान दवाओं और बुनियादी आपूर्ति को कई स्थानों पर ले जाने के लिए किया जा सकता है. भारतीय सर्वेक्षण विभाग ने महाराष्ट्र सरकार के साथ राज्य के 40,000 गांवों की मैपिंग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना क्रमशः ड्रोन कॉर्पोरेशन और तेलंगाना के ड्रोन सिटी की स्थापना कर ड्रोन का उपयोग करने में सबसे ज्यादा बढ़त ली है.