तिरवंनतपुरम : कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए भारत सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया है. इस महामारी के बीच ऐसे कई लोग सामने आ रहे हैं, जो जरूरतमंदों को मदद पहुंचा रहे हैं. इस मुसीबत में देश वासियों की मदद करने आगे आए यह लोग असल हीरो से कहीं बढ़कर हैं.
ऐसा ही एक मामला सामने आया है केरल से. कहते हैं जेब कितनी बड़ी है यह माइने नहीं रखता है, बस इंसान का दिल बड़ा होना चाहिए. ऐसा ही एक उदाहरण पेश किया है केरल के रहने वाले इन वाहन चालकों ने.
आपको बता दें कि केरल में एक ट्रक ड्राइवर और एंबुलेंस ड्राइवर मिलकर अलाप्पुझा में कोमाडी बाईपास पर जरूरी सामान की ढुलाई कर रहे वाहन चालकों व अन्य लोगों को खाना खिला कर मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं. बता दें कि देश के अलग-अलग राज्यों से ऐसे ही लोग मदद के लिए आगे रहे हैं.
उत्तराखंड में मदद के लिए सामने आई वंदना गुप्ता
कुछ करने की लगन हो तो कोई भी कार्य असंभव नहीं होता. इसी को सार्थक किया है हरिद्वार की रहने वाली वंदना गुप्ता ने लॉकडाउन होने के बाद हरिद्वार में गरीब लोगों पर भोजन का संकट मंडराने लगा था. मगर वंदना गुप्ता ने लोगों के लिए ना सिर्फ भोजन की व्यवस्था की, बल्कि इस महिला को देखकर कई और लोग भी आगे आए. आज इन गरीब लोगों के लिए कई लोग भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं. इस मुहिम को शुरू करने वाली वंदना गुप्ता का कहना है कि मैंने सोशल मीडिया पर ईटीवी भारत में कार्य करने वाले किरण कांत शर्मा की फेसबुक पर पोस्ट देखी. उनके द्वारा किसी गरीब को भोजन कराया गया.
तब वंदना ने सोचा कि जब एक पत्रकार यह कर सकता है, तो एक आम महिला क्यों नहीं कर सकती. वंदना गुप्ता कहती है कि पहले मुझे थोड़ा डर भी लगा कि मेरे दो बच्चे हैं. यह वायरस काफी खतरनाक है. मगर मैंने घर में भोजन बनाया और फिर लोगों मे उसे बांटना शुरू किया. जब मैं बाहर गई तो मैंने देखा कई मजदूर लोग भोजन के लिए परेशान थे. हरिद्वार में कोई भी उनको भोजन नहीं करवा रहा था. प्रशासन द्वारा कहा गया था किसी को भी परेशानी नहीं होगी. उनको भोजन दिया जाएगा मगर प्रशासन भी एकदम से कोई कार्य नहीं कर सकता. इसी को देखते हुए मैंने शुरुआत की और आज भी लोगों को भोजन दे रही हूं. मेरे द्वारा की गई शुरुआत के बाद आज हरिद्वार शहर में कई लोग भोजन बांट रहे हैं.