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उत्तर प्रदेश : काशी विश्वनाथ मंदिर में स्पर्श दर्शन के लिए जल्द ही ड्रेस कोड - kashi vishwanath temple

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा भोलेनाथ के स्पर्श दर्शन के लिए अब ड्रेस कोड का नियम जल्द ही लागू होने जा रहा है. स्पर्श दर्शन के लिए पुरुषों को धोती-कुर्ता और महिलाओं को साड़ी पहननी होगी. पढ़ें विस्तारपूर्वक...

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बाबा विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन

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Published : Jan 13, 2020, 8:50 PM IST

Updated : Jan 14, 2020, 12:13 AM IST

वाराणसी : उत्तर प्रदेश की धर्मनगरी के द्वादश ज्योतिर्लिंग में शामिल श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में अब आपको गर्भगृह में जाकर बाबा भोलेनाथ का स्पर्श दर्शन करने के लिए ड्रेस कोड का पालन करना होगा. यह ड्रेस कोड जल्द लागू होने जा रहा है.

हालांकि, वाराणसी मंडल के आयुक्त दीपक अग्रवाल ने इस बात का खंडन किया है. उन्होंने कहा, काशी विश्वनाथ मंदिर में आगंतुकों के लिए एक ड्रेस कोड के बारे में कई मीडिया रिपोर्ट छपी हैं, लेकिन ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. उन्होंने कहा कि काशी विद्वत परिषद के कुछ सदस्यों के द्वारा मौखिक सुझाव दिया गया था, लेकिन इस बात पर हमें कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं मिला है. आयुक्त ने कहा कि वे इस मामले में सभी मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन करते हैं.

वाराणसी मंडल के आयुक्त दीपक अग्रवाल

गौरतलब है कि रविवार को कमिश्नरी सभागार में काशी विद्वत परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई. स्पर्श दर्शन के समय को बढ़ाने के साथ ही श्रद्धालुओं में पुरुषों को धोती-कुर्ता और महिलाओं को साड़ी पहनकर ही गर्भगृह में प्रवेश दिया जाएगा.

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा भोलेनाथ के स्पर्श दर्शन के लिए जल्द लागू होगा ड्रेस कोड.

ड्रेस कोड की प्लानिंग
काशी विद्वत परिषद की बैठक में प्रदेश के धर्मार्थ कार्य मंत्री नीलकंठ तिवारी और मंदिर प्रशासन के साथ वाराणसी प्रशासन के समस्त अधिकारियों की मौजूदगी में कई प्रस्ताव रखे गए. इसमें दो प्रस्ताव अहम रूप से थे. पहला शाम को 5:45 से 6:45 तक होने वाले स्पर्श दर्शन के समय को बढ़ाना और दूसरा विश्वनाथ धाम में खरीदे गए भवनों से निकले विग्रह को संयोजित करने की प्लानिंग. दोनों मुद्दों पर बैठक के दौरान एकमत से निर्णय हुआ.

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आपको बता दें कि बाबा का स्पर्श दर्शन मध्याह्न आरती से पहले 11:00 बजे तक किया जा सकता है. वहीं विग्रह को स्पर्श करने के लिए एक प्रकार का वस्त्र तय होना आवश्यक है. पुरुषों को धोती-कुर्ता और महिलाओं को साड़ी पहनने का एक नियम बनाया जा रहा है. इसके अलावा पैंट-शर्ट, जींस, कोट पहनने वालों के लिए केवल दर्शन की व्यवस्था लागू की जाएगी.

सभी विद्वानों ने उज्जैन स्थित महाकाल ज्योतिर्लिंग और दक्षिण भारत के सभी मंदिरों का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि महाकाल में भस्म आरती के समय स्पर्श करने वाले बिना सिले हुए वस्त्र धारण करते हैं, बाकि सभी लोग केवल दर्शन करते हैं. इसलिए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भी यह व्यवस्था लागू होनी चाहिए.

विद्वत परिषद ने साथ ही मंदिर में पूजा-पाठ करने वाले सभी अर्चकों का भी एक ड्रेस कोड निर्धारित करने के लिए मंदिर प्रशासन को सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि अर्चक का पहनावा ऐसा हो, कि वह भीड़ में आसानी से अलग से पहचाना जा सके.

Last Updated : Jan 14, 2020, 12:13 AM IST

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