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Published : Dec 16, 2020, 5:56 PM IST

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डीआरडीओ की नई तकनीक से भारतीय वायुसेना को मिलेंगी 'छह नई आंखें'

डीआरडीओ ने छह नए एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल प्लेन विकसित किए हैं, जिससे स्वदेशी रक्षा उद्योग को बढ़ावा मिलने के साथ चीन और पाकिस्तान से लगती सीमाओं पर भारतीय वायुसेना की निगरानी क्षमता भी बढ़ाई जा सकेगी.

डीआरडीओ की नई तकनीक से भारतीय वायुसेना को मिलेगी 'छह नई आंखें'
डीआरडीओ की नई तकनीक से भारतीय वायुसेना को मिलेगी 'छह नई आंखें'

नई दिल्ली : स्वदेशी रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए डीआरडीओ एक नई तकनीक का विकास करने जा रहा है. दरअसल भारत रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने छह नए एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल प्लेन विकसित किए हैं, जो पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर वायु सेना की निगरानी क्षमताओं को और भी बेहतर बनाएंगे.

सरकारी सूत्रों के मुताबिक, AEW& C ब्लॉक 2 एयरक्राफ्ट को 10 हजार 500 करोड़ की परियोजनाओं के अंतर्गत डीआरडीओ तैयार करेगा. एयर इंडिया फ्लिट की ओर से छह एयरक्राफ्ट खरीदे जाएंगे और रेडार के साथ इस तरह से इन्हें नया रूप दिया जाएगा, ताकि रक्षा बल इसके जरिये 360 डिग्री निगरानी कर सके.

छह AEW& C ब्लॉक दो विमान पिछले NETRA विमान के मुकाबले काफी आधुनिक होंगे और मिशन के दौरान दुश्मन क्षेत्र के काफी अंदर तक 360 डिग्री इससे निगरानी की जा सकेगी.

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सरकारी सूत्रों ने बताया कि सरकार इस परियोजना को जल्द मंजूरी दिए जाने की उम्मीद कर रही है.

डीआरडीओ ने पहले एयरबस 330 विमान पर छह एयरबोर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) बनाने की योजना बनाई थी, जिसके लिए कुछ चीजों को बेंगलुरु में बनाने की योजना थी.

सूत्रों ने कहा कि परियोजना आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने का भी काम करेगी.

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