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डीआरडीओ प्रमुख का कार्यकाल दो वर्ष बढ़ाया गया - डीआरडीओ

भारत सरकार ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी का कार्यकाल दो वर्ष तक बढ़ा दिया है. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने यह आदेश जारी किया है.

डीआरडीओ प्रमुख को दो वर्ष का सेवा विस्तार
डीआरडीओ प्रमुख को दो वर्ष का सेवा विस्तार

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Published : Aug 24, 2020, 10:14 PM IST

Updated : Aug 24, 2020, 10:38 PM IST

नई दिल्ली : भारत सरकार ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी प्रमुख का कार्यकाल दो वर्ष तक बढ़ा दिया गया है. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने यह आदेश जारी किया है. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग द्वारा जारी किया गया यह आदेश 26 अगस्त से लागू होगा.

दो वर्ष तक बढ़ाया गया डीआरडीओ प्रमुख का कार्यकाल

इससे पहले ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत करते हुए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने बताया था कि निकट भविष्य में किन उत्पादों का देश में आयात जारी रहेगा, इसकी अब तक कोई सूची नहीं है लेकिन जल्द ही तैयार कर ली जाएगी.

उन्होंने कहा था कि भारत ने धीरे-धीरे खुद को मिसाइलों, रडार प्रौद्योगिकियों और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध जैसी प्रौद्योगिकियों का उत्पादन करने में सक्षम बना लिया है.

डॉ सतीश रेड्डी ने था कहा कि भारत को आने वाले वर्षों में अन्य देशों के उत्पादों को आयात करने की आवश्यकता नहीं होगी. भारतीय उद्योगों ने स्वदेशी प्रणाली विकसित करने की चुनौती के लिए खुद को तैयार किया है.

उन्होंने कहा था कि इससे भारत में उद्योगों को फलने-फूलने में मदद मिलेगी और कुछ ही समय में देश में दो और तीन स्तरीय उद्योगों की संख्या हो जाएगी. भारत अन्य देशों से स्पेयर पार्ट्स की खरीद पर बहुत पैसा खर्च करता है. नए सुधारों के साथ भारत इन्हें अंतर्जात रूप से विकसित करने में समान धन का निवेश कर सकता है.

यह भी पढ़ें: नए सुधार भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएंगे : डीआरडीओ अध्यक्ष

उन्होंने कहा था कि यह एक तरह से भारतीय उद्योगों को लाभ प्रदान करेगा और देश में बहुत विदेशी मुद्रा लाने में भी मददगार साबित होगा. जैसे-जैसे विदेशी देश, भारत में निवेश करना शुरू करेंगे, हमारा औद्योगिक क्षेत्र विकसित होगा और आपूर्ति श्रृंखला में भी कोई परेशानी नहीं होगी. भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की राह पर निकल चुका है. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने से भारत में विदेशी निवेश के द्वार खुल गए हैं. देश में जितने अधिक उद्योग होंगे, भारत रक्षा प्रौद्योगिकियों के मामले में उतना ही आत्मनिर्भर बनेगा.

Last Updated : Aug 24, 2020, 10:38 PM IST

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