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CAB पर बोले शाही इमाम - सियासत को धर्म के नाम पर चलाना चाहती है सरकार

दिल्ली की फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम डॉक्टर मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने नागरिकता संशोधन बिल पर अपने विचार पेश किये. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में संविधान ने धर्म के आधार पर किसी भी तरह की तफरीक की इजाजत नहीं दी है. जानें और क्या कुछ बोले मुफ्ती मुकर्रम अहमद...

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Published : Dec 7, 2019, 9:27 AM IST

Updated : Dec 7, 2019, 4:34 PM IST

Dr Mufti Mukarram Ahmad on cab etv bharat
शाही इमाम डॉक्टर मुफ्ती मुकर्रम अहमद

नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन बिल को सरकार की मंजूरी मिल चुकी है. बताया जा रहा है कि आने वाले हफ्ते में इस बिल को लोकसभा में पेश किया जा सकता है. इस मामले को लेकर देश भर में सियासी पारा चढ़ गया है और प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो चुका है.

फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम डॉक्टर मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने नागरिकता संशोधन बिल पर अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में संविधान ने धर्म के आधार पर किसी भी तरह की तफरीक की इजाजत नहीं दी है.

उन्होंने कहा कि इस देश में जो भी लोग आए हैं, वह किसी भी धर्म के मानने वाले हों, हिंदुस्तान ने हमेशा कोशिश की है कि उसे यहां पर सुकून से रहने दिया जाए.

शाही इमाम डॉक्टर मुफ्ती मुकर्रम अहमद से हुई बातचीत

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'इस मसले में भेदभाव करना ठीक नहीं'
मुफ्ती मुकर्रम ने कहा कि मोदी सरकार मौका परस्त वाली सियासत कर रही है. धर्म के नाम पर लोगों को बांटना चाहती है. मुल्क की सियासत को धर्म के नाम पर चलाना चाहती है.

उन्होंने कहा कि इस बिल के जरिए कहीं न कहीं मुसलमानों को दूसरे दर्जे का शहरी साबित करने की नापाक कोशिश की जा रही है.

शाही इमाम ने ये भी कहा कि धर्म के आधार पर सताए गए लोगों को हिंदुस्तान में पनाह मिले ये अच्छी बात है, लेकिन इस मसले में भेदभाव करना ठीक नहीं है.

Last Updated : Dec 7, 2019, 4:34 PM IST

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