नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को कहा कि सरकार ने भारत में कोविड-19 टीके के आपातकालीन प्रयोग की मंजूरी पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं किया है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 'सार्स कोव-2' का पता लगाने के लिए 'फेलूदा पेपर स्ट्रिप' जांच अगले कुछ हफ्ते में शुरू की जा सकती है. हर्षवर्धन सोशल मीडिया के अपने प्रशंसकों के साथ 'संडे संवाद' प्लेटफॉर्म पर बातचीत करते हुए कहा कि वर्तमान में कोविड-19 टीका मानव क्लीनिकल परीक्षण के पहले, दूसरे और तीसरे...विभिन्न चरणों में है. जिसके परिणाम की प्रतीक्षा है.
पर्याप्त सुरक्षा और प्रभावी आंकड़ों की होगी जरूरत
उन्होंने कहा कि रोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की खातिर टीके के आपातकालीन प्रयोग की अनुमति देने के लिए पर्याप्त सुरक्षा और प्रभावी आंकड़ों की जरूरत होगी. वहीं, उन्होंने कहा कि आंकड़ों के आधार पर ही आगे की कार्रवाई निर्भर करेगी. स्वास्थ्य मंत्री ने पहले कहा था कि कोविड-19 टीका 2021 की प्रथम तिमाही में उपलब्ध हो सकता है. आर्थिक कारणों से युवा और कामकाजी लोगों को कोविड-19 का टीका लगाने को प्राथमिकता देने के कयासों से इनकार करते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 टीका लगाने के लिए समूहों की प्राथमिकता दो मुख्य बातों पर निर्भर करेंगी. पहला-पेशेवर खतरा और संक्रमण का जोखिम और दूसरा गंभीर बीमारी होने का खतरा तथा बढ़ती मृत्यु दर. सरकार किस तरह से कोविड-19 के टीके को लाने की योजना बना रही है, इस पर उन्होंने कहा कि यह विचार है कि शुरुआत में टीके की आपूर्ति सीमित मात्रा में उपलब्ध होगी. मंत्री ने कहा कि भारत जैसे बड़े देश में टीके की आपूर्ति को प्राथमिकता देना कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे संक्रमण का खतरा, विभिन्न जनसंख्या समूह के बीच अन्य रोगों का प्रसार, कोविड-19 मामलों के बीच मृत्यु दर और कई अन्य.
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