नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कोरोना वायरस से संक्रमित और इसके संदिग्ध मरीजों के इलाज में काम आने वाले चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति प्रक्रिया में गुणवत्ता का विशेष ध्यान देने का निर्देश देते हुए मंगलवार को कहा कि अस्पतालों में आपूर्ति किए जाने वाले सामानों की गुणवत्ता को मानकों की कसौटी पर सख्ती से परखा जाए.
उल्लेखनीय है कि इटली और स्पेन सहित अन्य देशों में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए दोयम दर्जे के चिकित्सा उपकरणों का आयात होने संबंधी खबरें सामने आने के बाद भारत इस दिशा में अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है.
डॉ. हर्षवर्धन ने कोरोना वायरस संकट से निबटने के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) सहित अन्य संबद्ध विभागों के शीर्ष अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में कहा कि सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 के परीक्षण की किट और चिकित्साकर्मियों के सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) सहित सभी प्रकार की सामग्रियों की यथाशीघ्र आपूर्ति सुनिश्चित हो. साथ ही उन्होंने कहा कि चिकित्सा सामग्री की गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए.
मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार डॉ. हर्षवर्धन ने बैठक में कोरोना वायरस के संक्रमण के परीक्षण और सैम्पलिंग प्रक्रिया की भी समीक्षा की. उन्होंने आईसीएमआर, सीएसआईआर और अन्य संबद्ध एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल कायम करने की प्रभावी रणनीति की जरूरत पर भी बल दिया.
उन्होंने वेंटिलेटर, परीक्षण किट, पीपीई स्वास्थ्य मंत्रालय और डीएसटी के बीच अंतर-विभागीय स्तर पर बेहतर तालमेल की सराहना की. उन्होंने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि राज्यों में भी परीक्षण किट और अन्य जरूरी उपकरणों की आपूर्ति में कमी न हो. साथ ही पूर्वोत्तर राज्यों एवं लद्दाख और अन्य संघ शासित क्षेत्रों को अतिरिक्त सहायता देने का भी निर्देश दिया जहां परीक्षण की सुविधा या प्रयोगशाला नहीं है.