देहरादून : कोरोना संक्रमण में एकाएक आई तेजी ने सरकार के माथे पर बल ला दिए हैं. इस बीच उत्तराखंड के दून मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 मरीजों का इलाज कर रहे, डॉक्टर्स ने ईटीवी भारत पर जो खुलासा किया है, वह चौंकाने और राहत देने वाला है. इलाज के दौरान डॉक्टर्स ने पाया है कि संक्रमितों में कोरोना वायरस का एक जैसा असर नहीं है. जानिए क्या है पूरा मामला...
कोरोना वायरस महामारी आज भी दुनिया के लिए एक रहस्यमयी बीमारी बनी हुई है. देश-दुनिया में इसके प्रभावों और वैक्सीन पर काम भी किया जा रहा है, लेकिन उत्तराखंड में कोविड-19 को लेकर तैयार की गई एक्सपर्ट डॉक्टर्स की टीम ने उपचार के दौरान होने वाले अनुभवों को ईटीवी भारत के साथ साझा किया है.
दून मेडिकल कॉलेज के डिप्टी सीएमएस डॉ. एनएस खत्री ने खुलासा किया है कि संक्रमण को लेकर मरीजों में कुछ खास ट्रेंड देखने को मिल रहे हैं. इलाज के दौरान पाया गया है कि पहले फेज में संक्रमित लोगों को स्वस्थ होने में बेहद ज्यादा समय लग रहा है, जबकि सेकेंड कॉन्टेक्ट वाले संक्रमितों के स्वस्थ होने की रफ्तार तेज है. यानी संक्रमण बढ़ने के साथ कोरोना के असर में कमी देखी जा रही है.
वहीं, डिप्टी सीएमएस डॉ. एनएस खत्री ने कहा कि हमारे अस्पताल में सबसे तेज कोरोना से एक साल के बच्चे का रिकवर छह दिनों में हुआ है. इसके अलावा एक आईएफएस अधिकारी सात दिन में रिकवर हुआ है.
वहीं दूसरे फेज में आने वाले मरीज 10 से 12 दिन में यहां से ठीक होकर जा चुके हैं. अगर इन आंकड़ों को देखा जाए तो यह एक अच्छा संकेत है, जो आने वाले दिनों में इस महामारी से लड़ने में मददगार साबित होगा.