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5G ट्रायल : RSS की इकाई ने किया चीनी कम्पनी का विरोध, PM को लिखा पत्र - 5G ट्रायल के लिए हुआवी

भारत में जल्द ही 5G की शुरुआत होने वाली है. इसके ट्रायल हेतु चीनी कम्पनी हुआवी को चुना गया है. पीएम मोदी के इस फैसले का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक घटक स्वदेशी जागरण मंच ने विरोध किया है. ईटीवी भारत ने स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक अश्विनी महाजन से बातचीत की. जानें, उन्होंने क्या कुछ कहा...

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संघ की इकाई ने किया चाइनीज कंपनी का विरोध

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Published : Jan 1, 2020, 8:18 PM IST

नई दिल्ली : चीनी टेक कम्पनी हुआवी (Huawei) को भारत में 5G ट्रायल के लिए हरी झंडी मिलते ही इसका विरोध भी शुरू हो चुका है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक घटक स्वदेशी जागरण मंच ने सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए प्रधानमंत्री को इस बाबत पत्र भी लिखा है. मंच ने पीएम से इस निर्णय में हस्तक्षेप कर इसे वापस लेने की मांग की है.

ईटीवी भारत ने इस मुद्दे पर स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक अश्विनी महाजन से खास बातचीत की. महाजन का कहना है कि, हालांकि अभी सिर्फ ट्रायल के लिए करार हुआ है, फिर भी उन्हें निराशा है, कि किसी भारतीय कम्पनी की बजाय एक चाइनीज कम्पनी को इसके लिए चुना गया.

अश्विनी महाजन से ईटीवी भारत की बातचीत.

महाजन ने आगे कहा, 'चाइनीज कम्पनियों का वहां की सरकार से एक अनलिखा करार होता है कि वो सभी जानकारियां सरकार से साझा करती हैं. ऐसे में यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संवेदनशील मामला है और प्रधानमंत्री को इस पर विचार जरूर करना चाहिए.'

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राष्ट्रीय सुरक्षा गंभीर मुद्दा
स्वदेशी जागरण मंच का कहना है कि विदेशी कम्पनियों को अपने देश में 5G ट्रायल की अनुमति देने की बजाय स्वदेशी कम्पनियों को इसमें निवेश का मौका दिया जाना चाहिए.

महाजन ने कहा, 'अगर अभी हमारे पास उस तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद नहीं है तो सरकार को कुछ और समय देना चाहिए क्योंकि अभी देश में 3G और 4G ही पूर्ण रूप से सुचारु नहीं चल पा रहे हैं. इसके साथ ही सबसे बड़ा मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा का है, क्योंकि अगर इन कम्पनियों के हाथ में हमारे देश की सुरक्षा और अन्य संवेदनशील जानकारियां लग गईं तो यह भविष्य के लिए एक खतरा हो सकता है.'

मिलीभगत से लिया निर्णय
अश्विनी ने बताया कि वह पहले भी इसका विरोध करते रहे हैं, लेकिन कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से यह निर्णय लिया गया है. स्वदेशी जागरण मंच ने यह भरोसा जताया है कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस पर जरूर पुनर्विचार करेंगे और इस निर्णय में हस्तक्षेप करते हुए इसे वापस लेने के लिए कहेंगे.

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