बेंगलुरु : जानलेवा बीमारी कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के लिए यह डॉक्टर्स दिन-रात काम कर रहे हैं और मरीजों की जान बचा रहे हैं. लेकिन कोई भी उन डॉक्टरों की पीड़ा नहीं समझ रहा है, जो लोगों का इलाज कर रहे हैं. इसके विपरीत अमेरिका में कोरोना वायरस से लड़ रहे डॉक्टरों को सम्मानित किया जा रहा है.
कर्नाटक के गडगा शहर में दो डॉक्टर, जो JIM अस्पताल में काम कर रहे हैं, वह पिछले दो महीनों से अपने घर नहीं गए, किसी को इस बात की पीड़ा नहीं कि वह अपने परिवार से दूर रहकर लोगों की सेवा कर रहे हैं
डॉ जगदीश की पत्नी मधु ने डेढ़ महीने पहले नवजात बच्चे को जन्म दिया था, लेकिन जगदीश ने सीधे अपने बच्चे को नहीं देखा. इस की हताशा से, वह रोजाना वीडियो कॉल के माध्यम से अपने बच्चे के चेहरे को देखकर खुशी पाने की कोशिश करते हैं.
एक अन्य डॉक्टर जयराज जो उसी अस्पताल में काम कर रहे हैं, को भी इसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है कि, वह अपने ढाई महीने के बच्चे को नहीं देख पा रहे हैं, जो घर पर है.