नई दिल्ली : कांग्रेस की बागडोर एक बार फिर सोनिया गांधी के हाथों में सौंप दी गई है. इसके साथ ही पार्टी के नए अध्यक्ष के लिए छह महीने के अंदर चुनाव होगा. इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार अमित अग्निहोत्री ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम से बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की मांग करने वाला असहमति पत्र राहुल गांधी के खिलाफ एक साजिश है और इस तरह की कवायद के चलते अब पार्टी का विभाजन हो सकता है.
सवाल : कांग्रेस में अब नेतृत्व के मुद्दे पर बहस क्यों हो रही है?
जवाब : नेतृत्व के मुद्दे पर बहस हो रही है, क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया था. राहुल ने अपना पक्ष साफ कर दिया था कि वह अब अध्यक्ष के पद पर नहीं रहना चाहते हैं और उन्होंने सुझाव दिया कि गांधी परिवार के बाहर के किसी व्यक्ति को पार्टी का नेतृत्व सौंप देना चाहिए. उस उपयुक्त व्यक्ति को खोजने की कवायद चल रही है. इस बीच सोनिया गांधी को अंतरिम प्रमुख का पद संभालने के लिए कहा गया था. तब से अगले कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर पार्टी में बहस छिड़ी हुई है.
सवाल : कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने हाल ही में सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पूर्णकालिक पार्टी अध्यक्ष और आंतरिक चुनाव की मांग की है. आपने इसे साजिश करार दिया है. क्यों?
जवाब :मुद्दे पर कोई समस्या नहीं है. किसी भी राजनीतिक दल को मामलों को संभालने के लिए पूर्णकालिक अध्यक्ष की आवश्यकता होती है. यह एक अच्छी बात है, लेकिन यहां मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि कुछ वरिष्ठ नेताओं का उक्त पत्र कांग्रेस और गांधी परिवार को अस्थिर करने की साजिश का हिस्सा है. राहुल गांधी के खिलाफ ऐसी साजिश पिछले कुछ समय में दिल्ली में कुछ पार्टी नेताओं के आवासों और कार्यालयों में रची गई है. असहमति भरे पत्र ने इस साजिश को सामने ला दिया. एक पार्टी कार्यकर्ता के रूप में यह मेरा विचार है कि इस तरह का चुनाव नहीं होना चाहिए.
सवाल : लेकिन क्यों ?
जवाब : क्योंकि मुझे लगता है कि ऐसा चुनाव कई नए गुटों को जन्म देगा, जिसके परिणामस्वरूप पार्टी नेताओं में कड़वाहट पैदा होगी और दुश्मनी तक हो सकती है, जिसका अंजाम कांग्रेस पार्टी का विभाजन हो सकता है. मुझे डर है कि इस तरह के चुनाव से पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई छिड़ जाएगी और उन नेताओं के बीच एक दूसरे से खुद को ज्यादा ताकतवर दिखाने का खेल शुरू हो जाएगा, जो यह दिखाना चाहते हैं कि वे संगठन में उनका कितना प्रभाव है. निश्चित रूप से इस समय इस कवायद की कोई जरूरत नहीं है, जबकि अभी हम सभी को पार्टी को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए.