नई दिल्ली : शीर्ष सैन्य सूत्र से मिली जानकारी के मुताबिक भारत चीन के बीच सैन्य स्तर की बैठकें भविष्य में भी जारी रहेंगी. बीते 10 जून को फिर से ब्रिगेड कमांडरों और स्थानीय अधिकारियों के बीच बैठक हुई. सैन्य सूत्रों के मुताबिक अप्रैल की स्थिति को बहाल करने में समय लगेगा. विशेष रूप से तब जब दोनों सेनाओं ने बड़ी संख्या में सैन्य बलों को तैनात कर दिया है.
दरअसल, भारत और चीनी सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में चार बिंदुओं को लेकर चल रही रस्साकशी पर आठ जून, सोमवार को विराम लग गया. दरअसल, चीन ने सीमाई क्षेत्र से अपने सैन्य बल को पीछे हटा लिया है. हालांकि, चीन द्वारा पीछे हटने का कदम सिर्फ एक इरादे का प्रदर्शन हो सकता है, क्योंकि इस विवाद का कोई ठोस समाधान निकलता नहीं दिख रहा है.
बता दें कि आठ जून, सोमवार को चीनी सेना ने अपने सैनिकों, तोपखानों, भारी लड़ाकू वाहनों और अन्य सैन्य उपकरणों को मुख्य बिंदुओं से पीछे कर लिया. इसी बीच भारतीय सेना भी इन बिंदुओं से पीछे हट गई.
एक शीर्ष सैन्य सूत्र ने ईटीवी भारत से बताया कि अब तक दोनों सेनाओं के बीच बातचीत में सैन्य बलों के स्थान और अप्रैल की स्थिति को पुनः बहाल करने पर चर्चा हुई है.
उल्लेखनीय है कि इस पूरे विवाद में भारतीय और चीनी सेना के बीच कई हिंसक झड़पें हुई थीं. ऐसी ही गंभीर स्थिति पांच मई को लद्दाख स्थित पैंगोंग झील के उत्तरी तट पर पैदा हो गई थी, जिसमें कम से कम 75 सैनिक घायल हो गए थे.
हालिया गतिरोध को लेकर लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट-जनरल हरेंद्र सिंह और पीएलए के दक्षिण झिंजियांग सैन्य जिले के कमांडर मेजर-जनरल लिन लियू (भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट-जनरल के समकक्ष) के बीच छह जून को बैठक हुई थी.
दिलचस्प बात यह है कि प्रतिनिधिमंडल से मिलने से पहले दोनों लेफ्टिनेंट-जनरलों के बीच एक घंटे तक बात हुई थी. लेफ्टिनेंट-जनरल स्तर की बैठक सीमा रेखा पर उपजे तनाव को लेकर हुई थी. इससे पहले ब्रिगेडियर और प्रमुख सैन्य अधिकारियों के स्तर पर कई बैठकें हो चुकी हैं.
एक अन्य शीर्ष सैन्य सूत्र ने बताया कि सैन्य स्तर की बैठकें आगे भी जारी रहेंगी. 10 जून को फिर से ब्रिगेड कमांडरों और स्थानीय अधिकारियों के बीच बैठक होगी. फिर भी अप्रैल की स्थिति को बहाल करने में समय लगेगा. विशेष रूप से तब जब दोनों सेनाओं ने बड़ी संख्या में सैन्य बलों को तैनात कर दिया है.