भोपाल: इंसान के अंदर कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो उसे बुलंदियों को छूने में शारीरिक कमजोरी नहीं रोक सकती. इंसान हर बाधा को पार कर कामयाबी की इबारत लिख ही देता है. ऐसा ही कुछ मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले में सामने आया है, जहां सहजपुरी में पदस्थ अतिथि शिक्षक भगवानदीन ने कुछ ऐसा कर दिखाया है, जो एक मिसाल है.
बता दें, भगवानदीन के न तो दोनों हाथ सलामत हैं और न ही पैर यानी वो दोनों हाथ और एक पैर से दिव्यांग हैं. इसके बावजूद लगन और हौसले के दम पर भगवानदीन न सिर्फ अपने घर के काम कर रहे हैं बल्कि नौनिहालों को बेहतर तालीम भी दे रहे हैं. पिछले चार सालों से वो डिंडोरी जिले में शिक्षा की अलख जगा रहे हैं.
भगवानदीन अपनी लगन और ईमानदारी से काम करते हुए बच्चों का भविष्य सवार रहे हैं. कलाई ना होने के बावजूद भगवानदीन बच्चों को ब्लैकबोर्ड में लिख कर तालीम देते हैं. भगवानदीन को इस तरह से पढ़ाते देखकर हर कोई उनका मुरीद हो जाता है.