जोधपुर. 15 जुलाई को भारत का बहुप्रतीक्षित चंद्रमा के लिए अंतरिक्ष अभियान चंद्रयान-2 विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर से छोड़ा जाएगा. यह दुनिया का पहला मिशन होगा. जिसका यान चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरेगा. इसरो के इस मिशन में भी इसरो के ही पूर्व वैज्ञानिक रहे प्रोफेसर ओपीएन कल्ला जो जोधपुर में इंटरनेशनल सेंटर ऑफ रेडियो साइंस के निदेशक हैं. उनकी भी भागीदारी है.
ईटीवी भारत की इसरो के पूर्व वैज्ञानिक से खास बातचीत
प्रोफेसर कल्ला ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि यह मिशन पूरी तरह भारतीय तकनीकी से बना है. इसमें किसी भी तरह की विदेशी तकनीक का इस्तेमाल नहीं किया गया है या मिशन बर्फ पानी की खोज के साथ-साथ जिस जगह पर उतरेगा क्योंकि पहली बार कोई यान साउथ पोल उतर रहा है तो वहां क्रेटर पर किसी भी तरह के फॉसिल्स (जीवाश्म) का भी अध्ययन करेगा. जो दुनिया में पहली बार होगा. नीचे दिए गए वीडियो पर क्लिक कर सुने पूर्व वैज्ञानिक रहे प्रोफेसर ओपीएन कल्ला से खास बातचीत.