नई दिल्ली : भारत और चीन के बीच तनावपूर्व माहौल को कम करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसी क्रम में लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तनाव कम करने के तौर-तरीकों को लेकर बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये भारत-चीन के बीच कूटनीतिक वार्ता हुई. जानकारी के अनुसार चीन-भारत राजनयिक वार्ता के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में स्थिति सहित सीमावर्ती क्षेत्रों के घटनाक्रमों पर विस्तार से चर्चा की है.
अधिकारियों ने बताया कि विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) नवीन श्रीवास्तव और चीनी विदेश मंत्रालय में महानिदेशक वू जियांगहो के बीच यह वार्ता हुई.
दोनों पक्षों ने जून में पहली कूटनीतिक वार्ता की थी. पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले बिंदुओं से हटने पर चीनी और भारतीय सेनाओं के बीच बनी 'आपसी सहमति' के दो दिन बाद यह वार्ता हो रही है.
इससे पहले भारत-चीन तनाव के बीच रूस, भारत और चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की मंगलवार को वर्चुअल बैठक हुई थी. गलवान झड़प के बाद यह पहला मौका था, जब भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने आमने-सामने बात की.
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बैठक दौरान रूसी विदेश मंत्री का मानना था कि भारत और चीन को उनके बीच उपजा विवाद सुलझाने के लिए किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं है. वे स्वयं इस मुद्दे को हल कर सकते हैं. इस बैठक में भारत ने अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों का सम्मान करने पर जोर दिया.
गौरतलब है कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर उपजे विवाद के बाद गलवान घाटी में हुई हिंसा को लेकर दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी आ गई है. हालांकि, शीर्ष सैन्य अफसरों के बीच हुई वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने तनावपूर्ण माहौल से पीछे हटने को लेकर सहमति जताई है.