नई दिल्ली : कोरोना काल में विरोध प्रदर्शनों का स्वरूप बदल रहा है. पहले जहां लोग सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करते थे, वहीं कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए अब राजनीतिक पार्टियां और किसान व मजदूर संगठन भी सोशल मीडिया पर कैंपेन चला कर अपना विरोध जता रहे हैं.
देशभर के दो सौ से ज्यादा किसान संगठनों का समूह अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने एक ऐसे ही सोशल मीडिया आंदोलन की शुरुआत की है. किसानों के लिए पूर्ण कर्ज माफी और फसल के पूरे दाम जैसी मांगों के साथ चार मई को एआईकेएससीसी द्वारा कैंपेन चलाया गया. इस दौरान ट्विटर कैंपेन देश में नंबर एक पर ट्रेंड कर रहा था.
जून में भी इसी तरह से ट्विटर पर कैंपेन चलाया गया और वह भी टॉप ट्रेंडिंग में रहा. अब छह जुलाई को भी अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति द्वारा एक बार फिर #करजमुक्तिपूरादाम के साथ किसानों के समर्थन में ट्विटर कैंपेन चलाने का आह्वान किया गया है.
रविवार को एक वेबिनार के दौरान अपने संबोधन में एआईकेएससीसी के संयोजक सरदार वीएम सिंह ने इसके बारे में जानकारी देते हुए कहा कि मध्य प्रदेश के मंदसौर गोली कांड की बरसी पर शहीद किसानों को श्रद्धांजलि के रूप में इसे शुरू किया गया था और अब हमने यह फैसला किया है कि हर महीने की छह तारीख को ट्विटर पर इस तरह का कैंपेन चलाएंगे क्योंकि मंदसौर की घटना छह तारीख को ही हुई थी, जिसके बाद एआईकेएससीसी का गठन हुआ था.
रविवार को देश के प्रधानमंत्री से लेकर तमाम मंत्रालय सोशल मीडिया पर खासे सक्रिय रहते हैं और ज्यादातर जानकारी ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से ही प्रेषित की जाती है. ऐसे में किसान नेता वीएम सिंह मानते हैं कि जब किसान भी सोशल मीडिया के माध्यम से ही प्रधानमंत्री से सीधे संवाद करेंगे तब शायद उनकी बात प्रधानमंत्री तक पहुंचेगी और वह उनकी मांगों पर गौर करेंगे.