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'जम्मू-कश्मीर और लद्दाख बन सकते हैं राज्य, तो हमारी मांगों पर क्यों ना हो पुनर्विचार'

नेशनल फेडरेशन फॉर न्यू स्टेट ने विभिन्न नए राज्यों के गठन की अपनी मांग पुन: उठाई है. महासंघ बोडोलैंड, गोरखालैंड, विदर्भ, टिपरलैंड, कूकी राज्य, बुंदेलखंड, पूर्वांचल और कार्बी आंगलोंग स्वायत्त राज्य के निर्माण की मांग करता है. पढ़ें क्यों उत्साहित हैं पृथक राज्य की मांग करने वाले...

एनएफएनएस के कार्यकारी सदस्य राकेश बोरो

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Published : Aug 30, 2019, 8:00 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 9:41 PM IST

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश के रुप में गठन के बाद पृथक राज्य की मांग करने वाले समूह उत्साहित हो गए हैं. नेशनल फेडरेशन फॉर न्यू स्टेट (एनएफएनएस) ने विभिन्न नए राज्यों के गठन की अपनी मांग पुन: उठाई है.

एनएफएनएस के कार्यकारी सदस्य राकेश बोरो ने कहा है कि हम लंबे समय से अलग राज्यों के गठन की मांग कर रहे हैं. हम मांग के समर्थन में आंदोलन, अवरोध आदि का आयोजन करते रहते है. हमें उम्मीद है कि सरकार हमारी मांगों पर भी विचार करेगी.'

उल्लेखनीय है महासंघ बोडोलैंड, गोरखालैंड, विदर्भ, टिपरलैंड, कूकी राज्य, बुंदेलखंड, पूर्वांचल और कार्बी आंगलोंग स्वायत्त राज्य के निर्माण की मांग करता है.

NFNS ने कहा है कि जब सरकार जम्मू और कश्मीर के साथ लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश घोषणा कर सकती है, तो हमारी मांगों पर भी गंभीरता से गौर करना चाहिए.

नेशनल फेडरेशन फॉर न्यू स्टेट के कार्यकारी सदस्य राकेश बोरो का ईटीवी भारत से खास बातचीत...

पढ़ें- BJP ने गोरखालैंड राज्य की मांग पर विचार का वादा किया है : बिमल गुरुंग

बोरा ने कहा, 'नरेंद्र मोदी सरकार के पास अभी संसद में पूर्ण बहुमत है. इसलिए वह चाहें तो निश्चित रूप से हमारे नए राज्य की मांग को पूरा कर सकते हैं. हमें विश्वास है कि नरेंद्र मोदी अपने चुनावी वादे को पूरा करेंगे.'

हालांकि इस मसले पर एनएफएनएस नेताओं की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मिलने की भी संभावना है.

Last Updated : Sep 28, 2019, 9:41 PM IST

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